सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद से दुनियाभर के समाचार संस्थान पत्रकारों पर मंडरा रहे खतरों के प्रति सतर्क हुए हैं। इसी के मद्देनजर वैश्विक समाचार संस्थान 'अभिव्यक्ति की आजादी' की पहल के तहत दुनियाभर के उन पत्रकारों की सूची जारी करेंगे जो अपने काम के दौरान खतरे का सामना करते हैं।
सूची जारी करने वाले इन समाचार संस्थानों में अमेरिकी एजेंसी असोसिएटिड प्रेस, ब्रिटिश अखबार फाइनैंशल टाइम्स और ब्रिटिश एजेंसी रॉयटर्स भी शामिल हैं।
हर महीने तैयार होगी ये सूची
वन फ्री प्रेस को-अलिशन के सदस्य के मुताबिक हर महीने ऐसे पत्रकारों की '10 सबसे जरूरी' के अंतर्गत सूची जारी की जाएगी, जिन्हें अपने काम को लेकर धमकी मिली है, जेल में डाला गया है या फिर हमला किया गया है।
इस समूह का कहना है कि उसका उद्देश्य सच्चाई के लिए काम कर रहे पत्रकारों के लिए खड़े होना है।
पत्रकारों की पहली सूची में वॉशिंगटन पोस्ट के लिए काम करने वाले पत्रकार जमाल खशोगी का नाम भी शामिल है। खशोगी की इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में अक्तूबर, 2018 में हत्या कर दी गई थी।
खशोगी अमेरिकी निवासी थे और वाशिंगटन पोस्ट के लिए स्तंभ लिखते थे। उन्होंने सऊदी अरब के राजकुमार सलमान के शासन और उनके बेटे मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ भी कई लेख लिखे थे। आखिरी बार वह 2 अक्तूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास के अंदर जाते हुए देखे गए थे। तुर्की के अधिकारियों के अनुसार उन्हें लगता है कि दूतावास के अंदर खशोगी की हत्या की गई।
खशोगी की हत्या के बाद पूरी दुनिया में सऊदी के क्राउन प्रिंस सलमान की आलोचना की गई। सीआईए ने अपनी जांच में खुलासा किया था कि इस हत्या के लिए प्रिंस सलमान ने ही ऑपरेशन का आदेश दिया था। खशोगी की हत्या बेहद निर्दयी तरीके से की गई थी।
इस समूह का कहना है कि उसका उद्देश्य सच्चाई के लिए काम कर रहे पत्रकारों के लिए खड़े होना है।
पत्रकारों की पहली सूची में वॉशिंगटन पोस्ट के लिए काम करने वाले पत्रकार जमाल खशोगी का नाम भी शामिल है। खशोगी की इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में अक्तूबर, 2018 में हत्या कर दी गई थी।
खशोगी अमेरिकी निवासी थे और वाशिंगटन पोस्ट के लिए स्तंभ लिखते थे। उन्होंने सऊदी अरब के राजकुमार सलमान के शासन और उनके बेटे मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ भी कई लेख लिखे थे। आखिरी बार वह 2 अक्तूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास के अंदर जाते हुए देखे गए थे। तुर्की के अधिकारियों के अनुसार उन्हें लगता है कि दूतावास के अंदर खशोगी की हत्या की गई।
खशोगी की हत्या के बाद पूरी दुनिया में सऊदी के क्राउन प्रिंस सलमान की आलोचना की गई। सीआईए ने अपनी जांच में खुलासा किया था कि इस हत्या के लिए प्रिंस सलमान ने ही ऑपरेशन का आदेश दिया था। खशोगी की हत्या बेहद निर्दयी तरीके से की गई थी।