एक माह से सीटों की घोषणा का इंतजार कर रहे भाजपा के सहयोगी सुभासपा के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का सब्र जवाब देने लगा है। उन्होंने भाजपा को मंगलवार शाम तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर भाजपा समझौते में दी जाने वाली सीटों की घोषणा नहीं करती है तो वह एनडीए से बाहर जाने के लिए स्वतंत्र होंगे और अलग रास्ता चुनेंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा सीट देने के मुद्दे पर पूर्व में हुई वार्ता से मुकर रही है।
दरअसल, राजभर और अमित शाह के बीच 19 फरवरी को दिल्ली में हुई बैठक के बाद मामला सुलझ गया था। राजभर का कहना है कि बैठक में शाह ने आश्वस्त किया था कि 26 फरवरी को फिर बैठक होगी, जिसमें सीटों पर फैसला कर दिया जाएगा। लेकिन 26 फरवरी की बैठक में सिर्फ अपना दल (एस) की सीटों पर ही फैसला हुआ।
इसके बाद राजभर तो भाजपा के किसी नेता से नहीं मिले, पर उनके बेटे और पार्टी महासचिव अरविंद राजभर व राष्ट्रीय प्रवक्ता राना अजीत सिंह की भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी जेपी नड्डा से कई दौर मुलाकात हुई, फिर भी सीटों की स्थिति साफ नहीं हुई।
पांच सीटों पर की है दावेदारी
वैसे तो भाजपा सूत्रों का कहना है कि सुभासपा को दो से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी, लेकिन राजभर ने अमित शाह के समक्ष पांच सीटें देने का प्रस्ताव रखा है। जिसमें घोसी, जौनपुर, चंदौली, अंबेडकर नगर के अलावा लालगंज या मछली शहर में से कोई एक सीट शामिल हैं।
राजभर का कहना है कि उन्होंने यह प्रस्ताव अमित शाह के पूछने पर दिया था, लेकिन उनको जो भी सीटें देनी है उसका खुलासा तो करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीटों के नाम की घोषणा न होने से सुभासपा की चुनावी तैयारी भी पिछड़ रही है।