राजनीति में दल व ठिकाना बदलना खूब देखने को मिलता है। जीत के लिए सियासी आंकड़ों से उम्मीदवारों के नक्षत्रों का फिट बैठना जरूरी है। इन्हीं सियासी आंकड़ों व चुनावी गठित के चलते राजनीति के सबसे बड़े घराने के महारथियों ने बदले अपने ठिकाने। इसकी शुरूआत मुलायम सिंह ने की। उन्होंने अपनी आजमायी सीट पर परिवार के लोगों को चुनाव लड़ाया और जिताकर दिल्ली की संसद तक पहुंचाया।
सपा संरक्षण मुलायम सिंह के सीट छोड़ने पर उपचुनाव में सैंफई परिवार के तीन सांसद बने। सबसे पहले उनके बेटे अखिलेश यादव उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे। फिर उनके छोटे भाई अभय राम के बेटे धर्मेंद्र यादव चुनाव जीते। इसके 2014 में मैनपुरी सीट से उनके नाती तेज प्रताप यादव चुनाव जीते। इस बार सभी सूरमा अपनी-अपनी सीटों से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
राजनीति के सबसे बड़े घराने ने जब बदले ठिकाने, पढ़िए मुलायम-शिवपाल और अखिलेश-डिंपल की चुनावी कहानी