समाजवादी आंदोलन में महिला को विशेष सम्मान
 

 


 

 

 

 समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी आन्दोलन में महिलाओं को विशेष सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। डाॅ0 राममनोहर लोहिया नर-नारी समानता पर काफी बल देते थे। वे महिलाओं को पिछड़े वर्ग में शामिल करते थे और उनके लिए विशेष अवसर के पक्षधर थे। समाजवादी सरकार में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कई विशेष योजनाएं शुरू की गई थीं। भाजपा राज में महिलाएं रोज ही लूट, हत्या, अपहरण और बलात्कार की शिकार हो रही है। बच्चियों तक का उत्पीड़न हो रहा है। भारत की गरीबी और अशिक्षा का जवाब ढूंढ़ना है।

      श्री यादव आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पार्टी मुख्यालय के डाॅ0 लोहिया सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एकत्र महिलाओं एवं कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सांसद श्रीमती डिम्पल यादव भी उपस्थित थीं। 

       श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में गरीब महिलाओं के लिए समाजवादी पेंशन योजना शुरू की गई थी। छात्राओं के लिए कन्याधन योजना थी। महिलाओं के लिए पोषण आहार की व्यवस्था की गई थी। स्कूलों में मिड डे मील में दूध, फल भी देने का निर्णय हो गया था। महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए विशेष प्रबन्ध किए गए थे। श्री यादव ने भरोसा दिलाया कि समाजवादी सरकार बनने पर महिलाओं को पूरा न्याय मिलेगा।

        समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज अमेरिका में आस्कर पुरस्कार प्राप्त फिल्म ‘‘पीरियडः एंड आॅफ सेंटेंस‘‘ के कलाकारों सुश्री सुमन एवं कु0 स्नेहा ने भेंट की। कोठी खेड़ा गांव हापुड़ की इन युवतियों ने जिस फिल्म में काम किया उसकी कहानी उनके गांव में पैड मशीन की स्थापना के इर्द-गिर्द घूमती है। महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन के उपयोग पर इसमें बल दिया गया है। इस मौके पर पर ‘‘शार्ट डाक्युमेन्ट्री फिल्म‘‘ भी प्रदशित की गई।

        श्री अखिलेश यादव ने कहा कि आधी आबादी के साथ अन्याय सभ्य समाज को शर्मसार करता है। भाजपा सच का सामना करने का साहस नहीं कर सकती है। प्रसूताओं तथा नवजात शिशुओं की उचित देखभाल करने में भी भाजपा सरकार असफल रही है। भारत में गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण की सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं हैं। इससे आनेवाली पीढ़ी भी बुरीतरह प्रभावित होगी। पर भाजपा को इसकी परवाह नहीं है। समाज में महिलाओं की समता एवं भागीदारी के बिना देश का भविष्य अधूरा रहेगा। 

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