कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि महामिलावटी विपक्ष के पास राष्ट्रीय सुरक्षा की न तो कोई नीति है और न ही नीयत जबकि एनडीए सरकार का राष्ट्र रक्षा का मजबूत इरादा है और आतंक तथा हिंसा फैलाने वाली फैक्ट्री जहां भी होगी, हम घुसकर मारेंगे.
मुजफ्फरपुर के पताही हवाई अड्डा मैदान में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'आतंकवाद जब फलता फूलता है तो कोई भी सुरक्षित नहीं रहता, चाहे वह किसी भी जाति या पंथ का क्यों न हो. कोई सोच सकता था कि आतंकवाद श्रीलंका में 300 लोगों को मार देगा?'
1. राष्ट्रीय सुरक्षा : उन्होंने कहा कि चाहे देश के भीतर हो या सीमा पार हो, आतंक और हिंसा फैलाने वाली फैक्ट्री जहां भी होगी, वह इस चौकीदार के निशाने पर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को जहां से भी खतरा होगा, हम घर में घुसकर मारेंगे, यह तय है. देश की सुरक्षा को लेकर एनडीए की नीति स्पष्ट है. कांग्रेस सहित विपक्ष दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि महामिलावट वालों के पास न नीति है, न ही नीयत. ये राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करने से भी कतरा रहे हैं.
मोदी ने कहा, 'याद करिये वे दिन, जब देश के बड़े-बड़े शहरों में, कभी ट्रेन में, कभी बाजार में, कभी रेलवे स्टेशन पर बम धमाके हुआ करते थे. याद करिए, बम धमाकों के बाद कांग्रेस और उनके साथी कैसे कमजोरों की तरह बर्ताव करते थे.'
उन्होंने कहा कि महामिलावट वालों का इतिहास ऐसा है कि ये आतंकवाद पर कुछ नहीं कह सकते, पाकिस्तान का नाम सुनकर इनके पैर कांपते हैं और यही कारण है कि एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक से इनको एलर्जी है.
2. 'जंगलराज': बिहार में एनडीए उम्मीदवारों के लिये समर्थन मांगते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने बिहार की पहचान बदली थी, वो इस चुनाव में केंद्र में अपनी सरकार बनाने के लिए नहीं लड़ रहे, बल्कि वो किसी भी तरह से अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए छटपटा रहे हैं. उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है बिहार में लूट-पाट, अपहरण, भ्रष्टाचार के दिन वापस लाना.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील कुमार मोदी सहित एनडीए के हमारे नेताओं के प्रयत्नों से बिहार ने बड़ी मुश्किल से अपने पुराने दौर को पीछे छोड़ा है. फिर से ये लोग बिहार में गिद्ध दृष्टि जमाए हैं और ये बिहार को जाति, समाज के आधार पर बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं.
3. भ्रष्टाचार : मोदी ने कहा कि ये लोग अपने भ्रष्टाचार और काले कारनामों को छिपाना चाहते हैं. उनका लक्ष्य है कि दिल्ली में कमजोर सरकार बने ताकि ये फिर से मनमानी कर सकें. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये चाहें कितनी भी कोशिश कर लें, कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अभियान हमने चलाया है, उसकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी. जो बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, फॉर्म हाउस खड़े हुए हैं, उसका भी हिसाब देना होगा.
विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो जेल में हैं या जेल के दरवाजे पर हैं, जो बेल पर हैं या बेल के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं वह सभी लोग केंद्र में एक मजबूत सरकार को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा इनको गरीबों का लूटा हुआ एक-एक पैसा लौटाना ही पड़ेगा. जैसे हम मिशेल मामा को उठाकर लाएं हैं, उसी तरह इनके बाकी चाचाओं को भी भारत आना ही पड़ेगा.
4. महागठबंधन : अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा ये लोग तो इतनी भी सीटों पर नहीं लड़ रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल कर सके. 2014 में देश की जनता ने कांग्रेस को इतनी सीटें नहीं दी थी कि नेता प्रतिपक्ष बन सके. जिनके नसीब में विपक्ष के नेता का पद नहीं है, वो पीएम बनने का सपना देख रहे हैं. इनके लिए सत्ता से ऊपर कुछ भी नहीं है. इन लोगों को सिर्फ अपनी शान शौकत और सुरक्षा की चिंता रहती है.