नई दिल्ली, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की नई सरकार में इस बात की संभावना है कि स्वास्थ्य कारणों से अरुण जेटली इस बार मंत्री बनना पसंद नहीं करेंगे. कई दिग्गज और मौजूदा मंत्रियों को जगह नहीं मिलेगी. मंत्री पद की शपथ लेने वालों में 40 फीसदी नए चेहरे होंगे. सीसीएस (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) में शामिल मौजूद मंत्रियों में से 2 की छुट्टी हो सकती है, उनकी जगह नए और अपेक्षाकृत युवा चेहरों को जगह मिल सकती है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, इस बार देश को नया वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री मिल सकता है.
सबसे दिलचस्प सवाल कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सरकार में शामिल होंगे या नहीं? शाह के एक
मंत्रिमंडल में इस बार बंगाल, ओडिशा और कर्नाटक से ज्यादा मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है. सहयोगी दलों से जदयू के कोटे से 2, लोजपा के कोटे से 1 कैबिनेट और 1 राज्यमंत्री, शिवसेना के कोटे से 2 कैबिनेट और 1 राज्यमंत्री तथा अकाली दल के कोटे से 1 कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है. भाजपा के जिन नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिलेगी उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जाएगी. लोकसभा अध्यक्ष चुनने की औपचारिकता पूरी करने के लिए संतोष गंगवार को प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता है.
नजदीकी भाजपा नेता का कहना है कि शाह अभी पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे. 2022 तक, जिस वर्ष देश आजादी की 85वीं सालगिरह मनाई जाएगी, शाह पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे. पार्टी संविधान के मुताबिक, अमित शाह एक बार और 3 साल के लिए पार्टी अध्यक्ष सकते है.