नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में मध्यस्थता कमेटी से इस मसले पर रिपोर्ट मांगी है। अब इस मसले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी। पैनल को ये रिपोर्ट अगले गुरुवार तक सुप्रीम कोर्ट में जमा करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर पैनल कहता है कि मध्यस्थता कारगर नहीं साबित होती है, तो 25 जुलाई के बाद ओपन कोर्ट में रोजाना इसकी सुनवाई होगी। यानी इस मामले में मध्यस्थता जारी रहेगी या नहीं, इसका निर्णय 18 जुलाई को ही हो जाएगा।
हिंदू पक्ष की तरफ से वकील रंजीत कुमार ने कोर्ट में बताया कि 1950 से ये मामला चल रहा है लेकिन अभी तक सुलझ नहीं पाया है। मध्यस्थता कारगर नहीं रही है इसलिए अदालत को तुरंत निर्णय सुना देना चाहिए। पक्षकार ने कहा कि जब ये मामला शुरू हुआ था तब वह जवान थे, लेकिन अब उम्र 80 के पार हो गई है। लेकिन मामले का हल नहीं निकल रहा है।
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की बेंच कर रही है। अदालत ने कहा है कि अनुवाद में समय लग रहा था, इसी वजह से मध्यस्थता पैनल ने अधिक समय मांगा था, अब हमने पैनल से रिपोर्ट मांगी है।
आपको बताते जाए कि इससे पहले मंगलवार को पक्षकार गोपाल सिंह विशारद की ओर से कोर्ट में कहा गया कि मध्यस्थता प्रक्रिया में कोई खास प्रगति नहीं हो रही है, इसलिए जल्द सुनवाई के लिए तारीख तय की जाए। कोर्ट ने आवेदन पर विचार करने को कहा था।