इस्लामाबाद. पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार खत्म करने का फैसला लिया। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में यह फैसला लिया। पाक सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को वापस भेजा जाएगा। इमरान सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह कदम उठाया है। इस बीच ट्रम्प सरकार ने कहा है कि भारत ने उसे कश्मीर पर लिए गए फैसले पर कोई जानकारी नहीं दी।
बैठक के बाद पाकिस्तान सरकार ने बयान जारी किया। इसमें कहा गया- भारत का हालिया कदम कश्मीर में हिंसा और उपद्रव को बढ़ाएगा। यह कदम दो सामरिक रूप से सक्षम देशों के बीच अस्थिरता का कारण बनेगा। कश्मीर में भारत सरकार ने बड़ी तादाद मेें सेना को नियुक्त किया है और इसका इस्तेमाल वहां की निहत्थी जनता के िखलाफ किया जाएगा, जो कि आग में घी का काम करेगा।
जुलाई 2018 से जनवरी 2019 के बीच कारोबार हुआ
पुलवामा हमले से पहले जुलाई 2018 से जनवरी 2019 के बीच दोनों देशों के बीच 6,230 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था। जनवरी-जून 2018 की तुलना में इसमें 5% का इजाफा हुआ था। वहीं, 2018-19 में दोनों देशों के बीच करीब 18 हजार करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। यह 2017-18 की तुलना में 1600 करोड़ रुपए ज्यादा था। इसमें भारत का पाकिस्तान को निर्यात 80% है और आयात सिर्फ 20% है।
भारत में पाकिस्तान से खनिज उत्पाद और फल आते हैं
भारत पाकिस्तान को जो निर्यात करता है, उसमें 37% हिस्सेदारी रासायनिक उत्पादों और 33% हिस्सेदारी टेक्सटाइल आइटम्स की है। भारत पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कॉटन और ऑर्गेनिक केमिकल एक्सपोर्ट करता है। वहीं, भारत पाकिस्तान से सबसे ज्यादा 49% खनिज उत्पाद और 27% फल आयात करता है। आयात में मिनरल ऑयल की हिस्सेदारी 27% और फलों की हिस्सेदारी 21% है।
17 साल पहले में भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को निष्कासित किया था
मई 2002 में भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के तत्कालीन उच्चायुक्त अशरफ जहांगीर काजी को निष्कासित किया था। भारत ने यह कदम कश्मीर में एक आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत होने के बाद उठाया था। उस वक्त जहांगीर काजी आतंकियों का समर्थन कर रहे थे। इससे पहले दिसंबर 2001 में संसद पर पाकिस्तानी आतंकियों के हमले के बाद भारत ने दिल्ली में पाकिस्तान के मिशन में तैनात स्टाफ में 50% की कटौती करा दी थी। वहीं, अपने उच्चायुक्त को पाकिस्तान से बुला लिया था। दिल्ली में पदस्थ पाकिस्तान के मिशन प्रमुख से बात करने से इनकार कर दिया था। इससे पहले 1965 और 1971 की जंग के वक्त भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंध खत्म हो गए थे।
संसद में इमरान ने कहा था- दुनिया को कश्मीर की जानकारी नहीं
इमरान ने मंगलवार को कहा था, “मुझे लगता है कि भारत कश्मीरियों को मिटाना चाहता है। वह कश्मीर में नस्लीय तौर पर मुसलमानों का सफाया कर सकता है। स्थितियों को देखकर लगता है कि फिर पुलवामा जैसी घटना होगी। फिर वे मुझ पर आरोप लगाएंगे और एयर स्ट्राइक करेंगे। हम फिर इसका जवाब देंगे। फिर युद्ध होगा। हम खून की आखिरी बूंद तक युद्ध लड़ेंगे।”
उन्होंने कहा था, “मैं और मेरी पार्टी विश्व के नेताओं को यह बताने की जिम्मेदारी लेती है कि कश्मीर में क्या हो रहा है? मुझे लगता है कि दुनिया को इसकी जानकारी नहीं है। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि भारत सरकार कश्मीर में मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के साथ क्या कर रही है? दरअसल, वे खतरे में हैं।”
भारत को जवाब देने का समय आ गयाः शहबाज शरीफ
पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को भारत के इस कदम का जवाब देना चाहिए। हम कश्मीरियों को मिटते हुए नहीं देख सकते। हमें उनके लिए ठोस कदम उठाना होगा।