मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी ने कैबिनेट की बैठक कर कई अहम बिंदुओं पर मुहर लगा दी। इसमें दुकान, होटल या अन्य प्रतिष्ठान के पंजीकरण प्रक्रिया में बदलाव किया गया। वही पीजीआई सैफई में फैकल्टी व नॉन फैकल्टी को लखनऊ पीजीआई के बराबर भत्ता दिया जाएग। योगी कैबिनेट में लिए गए फैसले इस प्रकार हैं :
- यूपी दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम में संशोधन किया गया है। दुकान, होटल या अन्य प्रतिष्ठान के पंजीकरण की प्रक्रिया में बदलाव हुआ है। फीस दोगुनी कर दी गई है। एक बार पंजीकरण कर बाद में दोबारा नहीं करना होगा।
- उपनिदेशक सेवायोजन राजीव यादव को फेसबुक पर सरकार की आलोचना का दोषी पाया गया है। दो जुलाई 2018 को इनके खिलाफ जांच शुरू की गई थी। विशेष सचिव श्रम को जांच अधिकारी बनाया गया था। पांच जुलाई को इन्हें निलंबित किया गया था। लोक सेवा आयोग ने तय दंड को स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में सजा को कैबिनेट से अस्वीकार करते हुए उन्हें उनके मूल पद क्षेत्रीय सेवा योजन अधिकारी के पद पर डिमोट करने पर मुहर लगा दी गई।
- जौनपुर मेडिकल कॉलेज के लिये सोसाइटी गठन को मंजूरी दे दी गई। अब तक 45 पदों का सृजन किया जा चुका है। पदों पर भर्ती में आयोगों में डेढ़ से दो साल तक समय लगता है। अक्सर चयनित फैकल्टी छोटे शहरों में नहीं जाना चाहते। इसलिये फैकल्टी और नॉन फैकल्टी का चयन सोसाइटी ही करेगी। अगस्त 2020 तक यहां प्रवेश शुरू कर दी जाएगी। दवाओं की खरीद आदि के लिये शासन की अनुमति पर निर्भर नहीं रहना होगा।
- पीजीआई सैफई की फैकल्टी, नॉन फैकल्टी और रेजिडेंट डॉक्टर को पीजीआई लखनऊ के समान भत्ता मिलेगा। 1600 रेजिडेंट व कर्मचारियों समेत 200 डॉक्टरों को इससे फायदा होगा। इसपर सालाना 15 करोड़ का खर्च आएगा।
- केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी सैटेलाइट मेडिकल सेंटर बलरामपुर के निर्माण में उच्च विशिष्ट का प्रयोग होगा। इसके लिए 55 एकड़ जमीन ली गई है। 300 बेड का अस्पताल पहले चरण में 85 करोड़ की लागत से बनेगा।
- बिजनौर, कौशाम्बी और कानपुर देहात के बाद कुशीनगर में मेडिकल कालेज का डीपीआर केंद्र को भेजा जाएगा। इसके लिए 14 एकड़ जमीन देने पर मुहर लगा दी गई।