महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गुरुवार या शुक्रवार को दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं। भाजपा को उम्मीद है कि उसकी गठबंधन सहयोगी शिवसेना उसके ऊपर 50-50 के फॉर्मूले को लेकर कोई दबाव नहीं बनाएगी। दरअसल शिवसेना भाजपा से लिखित में सत्ता का बराबर बंटवारा और ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद चाहती है। भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है जिसे लेकर दोनों पार्टियों के बीच एक राय नहीं बन पा रही है।
भाजपा सूत्रों को उम्मीद है कि शिवसेना सरकार गठन में उसका साथ देगी बेशक दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है। शिवसेना का साफ कहना है कि यदि उसकी मांगे पूरी नहीं होंगी तो वह अन्य विकल्पों पर विचार करने के बारे में सोच सकती है। इसके बावजूद भाजपा को लगता है कि शिवसेना उसके साथ आएगी क्योंकि दोनों ही पार्टियों के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं है।
एक सूत्र ने कहा, 'फडणवीस 31 अक्तूबर या एक नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं और हमें उम्मीद है कि शिवसेना सरकार गठन में सहयोग करेगी।' मंगलवार को फडणवीस ने कहा था कि वह ही दोबारा राज्य की कमान संभालेंगे और शिवसेना के साथ कोई 50-50 फॉर्मूले का समझौता नहीं हुआ है। फडणवीस के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ होने वाली शाम को चार बजे होने वाली बैठक को रद्द कर दिया था।
शिवसेना की तीखी बयानबाजी से नाराज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां बुधवार को होने वाली अपनी मुंबई यात्रा टाल दी है। वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान से नाराज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नई सरकार के गठन के लिए होने वाली दोनों दलों की बैठक टाल दी है। दरअसल शाह बुधवार को पार्टी के विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने मुंबई जाने वाले थे। उनकी योजना शाम में उद्धव से मुलाकात की थी। इसी बीच शिवसेना की तीखी बयानबाजी से नाराज शाह ने मुंबई जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। उनकी जगह अब कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा वहां जा सकते हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि अब जब तक नई सरकार के गठन के लिए कोई ठोस रोडमैप तैयार नहीं होगा, तब तक शाह और उद्धव की बैठक नहीं होगी। उधर शिवसेना ने भी सीएम की कुर्सी और सत्ता के कार्यकाल के बराबर बंटवारे पर अडिग रहने का संदेश दिया है।
भाजपा सूत्रों को उम्मीद है कि शिवसेना सरकार गठन में उसका साथ देगी बेशक दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है। शिवसेना का साफ कहना है कि यदि उसकी मांगे पूरी नहीं होंगी तो वह अन्य विकल्पों पर विचार करने के बारे में सोच सकती है। इसके बावजूद भाजपा को लगता है कि शिवसेना उसके साथ आएगी क्योंकि दोनों ही पार्टियों के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं है।
एक सूत्र ने कहा, 'फडणवीस 31 अक्तूबर या एक नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं और हमें उम्मीद है कि शिवसेना सरकार गठन में सहयोग करेगी।' मंगलवार को फडणवीस ने कहा था कि वह ही दोबारा राज्य की कमान संभालेंगे और शिवसेना के साथ कोई 50-50 फॉर्मूले का समझौता नहीं हुआ है। फडणवीस के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ होने वाली शाम को चार बजे होने वाली बैठक को रद्द कर दिया था।
शिवसेना की तीखी बयानबाजी से नाराज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां बुधवार को होने वाली अपनी मुंबई यात्रा टाल दी है। वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान से नाराज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नई सरकार के गठन के लिए होने वाली दोनों दलों की बैठक टाल दी है। दरअसल शाह बुधवार को पार्टी के विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने मुंबई जाने वाले थे। उनकी योजना शाम में उद्धव से मुलाकात की थी। इसी बीच शिवसेना की तीखी बयानबाजी से नाराज शाह ने मुंबई जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। उनकी जगह अब कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा वहां जा सकते हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि अब जब तक नई सरकार के गठन के लिए कोई ठोस रोडमैप तैयार नहीं होगा, तब तक शाह और उद्धव की बैठक नहीं होगी। उधर शिवसेना ने भी सीएम की कुर्सी और सत्ता के कार्यकाल के बराबर बंटवारे पर अडिग रहने का संदेश दिया है।
आज भाजपा विधायक दल की बैठक
भाजपा बुधवार को विधायक दल का नेता चुनेगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इसमें मौजूद नहीं होंगे। शाह ने बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और पार्टी उपाध्यक्ष अविनाश खन्ना को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इसमें, सीएम पद के लिए एक बार फिर से फडणवीस के नाम पर मुहर लगना तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के सवाल पर फडणवीस ने कहा, यह पहले ही तय हो चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं और अब केवल औपचारिकता होनी बाकी है। वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शिवसेना को केंद्र और राज्य सरकार में अतिरिक्त मंत्री पद के बदले महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की मांग छोड़ने की सलाह दी है।