कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में आयोजित रैली के दौरान काफी आक्रामक रुख में नजर आए। उन्होंने कहा कि सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के नाम पर राज्य में हिंसा और आगजनी की तो ऐसा हाल करेंगे कि आने वाली 10 पुश्तें याद रखेंगी।
उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि धरना प्रदर्शन के लिए घर की महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया। उन्हें असल में पता ही नहीं है कि वे किसका विरोध कर रहे हैं। हमने प्रदर्शन के दौरान तोडफ़ोड़ करने वालों से रिकवरी के आदेश दिए हुए हैं। शायद इसी कारण विपक्ष ने महिलाओं को आगे कर दिया है। हिंसा करने वालों के खिलाफ सरकार सख्ती से निपटेगी।
लोगों की भावनाएं भडक़ाना, उत्तेजक नारे लगाना देशद्रोह की श्रेणी में आएगा। हम राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत एक्शन लेंगे। यह नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने वाला कानून है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। जनता उन्हें समय आने पर करारा जवाब देगी। भारत में रहकर भारत के खिलाफ साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विपक्ष के ऐसे रवैये से दुश्मनों के हौसले बुलंद हैं लेकिन हम ये साजिश सफल नहीं होने देंगे।
यह दुष्प्रचार ठीक वैसा ही है जैसे भरी सभा में द्रौपदी का चीरहरण हुआ और वहां मौजूद सभी ज्ञानी और बड़े लोग चुप रहे। पिछले छह महीनों में जिस तरह से मोदी सरकार ने राष्ट्रहित में कदम उठाए हैं, वे आजादी के समय ही उठा लेने चाहिए थे। कांग्रेस और अन्य दलों ने मुद्दों को सुलझाने के बजाय वोटबैंक की राजनीति की। हम देशहित के मामलों में सियासत नहीं करते हैं।