असम: बाढ़-भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 110 हुई, मुख्यमंत्री ने कहा- 70 लाख से अधिक प्रभावित

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि 18 ज़िलों में 521 राहत शिविरों संचालन किया जा रहा है, जहां 50,559 लोगों ने शरण ली है. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से हालात का जायज़ा लिया.


गुवाहाटी: असम में पांच और लोगों की मौत के साथ बाढ़ संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 84 हो गई है. इसके अलावा राज्य में बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 110 हो गई है.


असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि राज्य में 70 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.


समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सोमवार को मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एक ओर लोग कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे हैं और दूसरे ओर बाढ़ की वजह से चुनौतियां और बढ़ रही हैं. हमारे राज्य के लोग इस लड़ाई को जारी रखे हुए है. केंद्र और राज्य सरकार लोगों को हरसंभव मदद मुहैया करा रही है.’


उन्होंने कहा, ‘असम में बाढ़ के कारण 70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. लोगों के साथ जानवरों को भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बचाकर राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.’


वहीं, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रविवार को बताया कि राज्य के 33 जिलों में से 24 में 25 लाख से ज्यादा लोग 22 मई से 19 जुलाई के दौरान प्रभावित हुए हैं.


बाढ़ से सर्वाधिक 4.53 लाख लोग गोआलपाड़ा में प्रभावित हुए हैं. बरपेटा में 3.44 लाख लोग और मोरीगांव में 3.41 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.


असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि 18 जिलों में 521 राहत शिविरों एवं वितरण केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां 50,559 लोगों ने शरण ली है.



धुबरी और गोलपाड़ा में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी सहायक नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है.


रविवार तक राज्य के काजीरंगा नेशनल पार्क में नौ गैंडों समेत 108 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी थी पार्क प्रशासन ने एक बुलेटिन जारी कर बताया है कि 430 वर्ग किमी तक फैला पार्क का 85 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है. पार्क के 223 फॉरेस्ट कैंप में से 43 जलमग्न हैं, इनमें से छह को खाली करा दिया गया है.


इसके अनुसार, डूबने से अब तक 60 जानवरों की मौत हो चुकी है. इनमें 36 हॉग डियर हिरण, आठ गैंडे, तीन जंगली भैंस, एक अजगर, सात जंगली सूअर, दो स्वाम्प डियर और दो साही शामिल हैं. 15 हॉग डियर की मौत राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर बाढ़ से बचने के दौरान गाड़ियों से टकरा जाने से हुई.


काजीरंगा एक सींग वाले गैंडों का निवास स्थान है. इस पार्क में तकरीबन 2400 गैंडे और 121 बाघ हैं. पिछले साल बाढ़ में 18 गैंडों समेत लगभग 200 जानवर मारे गए थे.


प्रधानमंत्री ने बाढ़ के हालात और कोरोना संक्रमण पर चर्चा की


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ बाढ़ संबंधी हालात को लेकर चर्चा की. उन्होंने असम में बाढ़ के कारण पैदा हुए हालात से निपटने के लिए रविवार को राज्य को हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया.


सोनोवाल ने ट्वीट किया, ‘माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज (रविवार) सुबह फोन पर बातचीत करके असम में बाढ़, कोविड-19 संबंधी हालात और बागजान (तिनसुकिया) तेल कुएं में आग संबंधी स्थिति की जानकारी ली.’


उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने राज्य के प्रति चिंता एवं लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की और हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया.’


मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि सोनोवाल ने लोगों के सामने आ रही समस्याओं से निपटने के लिए राज्य में अब तक उठाए गए कदमों के बारे में मोदी को सूचित किया.


मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बाढ़, भू-कटाव, कोविड-19 तथा बागजान की स्थिति पर नजर रख रही है और संकट के इस समय में असम के लोगों के साथ खड़ी है.’


सोनोवाल ने मोदी को सूचित किया कि राज्य के कई इलाके, कृषि भूमि और घर ब्रह्मपुत्र तथा अन्य सहायक नदियों से हुए भू-कटाव के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.


बयान में कहा गया कि जिला प्रशासन बाढ़ एवं भू-क्षरण की समस्याओं से निपटने के लिए मुस्तैद है. इसमें यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री क्षति का आकलन करने और बचाव एवं पुनर्वास अभियानों को देखने के लिए कई स्थानों का दौरा कर रहे हैं.


कोविड-19 के बारे में सोनोवाल ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जांच क्षमता बढ़ाई है इसलिए अब अधिक लोगों की जांच हो रही है.


बयान में कहा गया, ‘मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि निकट भविष्य में यदि संक्रमण के मामले और बढ़ते हैं तब भी स्वास्थ्य विभाग हालात को संभालने में सक्षम है.’


प्रधानमंत्री से बातचीत में सोनोवाल ने उन्हें राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावित लोगों को शरण देने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी और कहा कि इन शिविरों में कोविड-19 संबंधी नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.


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