भारत-चीन तनाव: थल से लेकर आकाश तक तैयारी, सेनाओं को किया अलर्ट.


By ambika shukla-चीन से निपटने के लिए जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट किया गया हैं। केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा है। एक खबर के अनुसार सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं को तालमेल बिठाने और जरूरत के मुताबिक प्राथमिकताएं तय करने के निर्देश दिए हैं। नेवी ने युद्धपोत और जहाजों के साथ समुद्री सीमाओं पर अपनी नजर बना ली है। नेवी के साथ-साथ वायु सेना ने भी जरूरी कदम उठाए हैं।


पीएम  मोदी ने कहा कि हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं लेकिन अपने देश की अखंडता के साथ समझौता भी नहीं करते। 


आइए नजर डालते हैं भारत की तैयारियों पर : 


1.आकाश में 18 किमी ऊंचाई तक निशाना भेदने वाली आकाश मिसाइल से बचना आसान नहीं !


China ने LAC के पास सुखोई जैसे भारी विमान तैनात किए हैं तो India ने भी जवाबी तैयारी में आकाश मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम Ladakh स्थित China Border पर तैनात कर दिया है और कहा गया है कि यह निगरानी के लिए है. आकाश मिसाइल कैसी है और ये भी जानिए कि क्यों दुनिया की सबसे बेहतरीन मिसाइलों में शुमार है.
लद्दाख में Galwan Valley Face-Off के बाद भारत और चीन सीमा (Indo-China Border) पर तनाव के हालात बने हुए हैं. ताज़ा खबरें हैं कि भारत ने ज़मीन से हवा (Surface-to-Air) में मार करने वाली आकाश मिसाइल का Air Defense System एलसी पर तैनात किया है. पूरी तरह स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम हर मौसम के लिहाज़ से कारगर है. मीडियम रेंज के लिए दुनिया की सबसे बेहतरीन मिसाइलों में शुमार आकाश कम, मध्यम और ऊंचे क्षेत्रों में मारक क्षमता रखती है. इस मिसाइल और पूरे सिस्टम के बारे में हर ज़रूरी जानकारी.


आकाश मिसाइल के बारे में सब कुछ :


आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के खास फीचरों, रेंज से जुड़े हर पहलू के साथ ही यहां ये भी जानिए कि क्यों यह दुनिया की सबसे बेहतरीन सरफेस-टू-एयर मिसाइलों में शुमार है.


कितनी है मिसाइल की रेंज और ताकत?
न्यूक्लियर क्षमता वाली यह मिसाइल 2.5 मैक (यानी करीब 860 मीटर प्रति सेकंड) की रफ्तार से 19 किमी तक की ऊंचाई तक उड़ सकती है. फाइटर जेट, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलों और एयर-टू-सरफेस मिसाइलों समेत बैलेस्टिक मिसाइलों को भी ये मिसाइल निशाना बना सकती है और वह भी 30 किमी की दूरी से.


लंबाई और वज़न?
लॉंच की जाने वाली आकाश मिसाइल का वज़न 720 किलोग्राम है. लंबाई 5.8 मीटर है और इसका व्यास 35 सेंटीमीटर का है. 50 से 60 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम इस मिसाइल के पंख करीब 110 सेंटीमीटर तक फैले हैं.


कैसे अलग और खास है ये मिसाइल?
इस मिसाइल की सबसे खास बात तो यही है कि इसे टैंकों या ट्रकों जैसे चलित प्लेटफॉर्मों से भी लॉंच किया जा सकता है.
दूसरी खास बात ये है कि इस मिसाइल में भारत में ही डेवलप किया गया रडार 'राजेंद्र' समायोजित है, जिसके ज़रिये कई दिशाओं से यह मिसाइल टारगेट कर सकती है. इसमें हाई टेक रडार के साथ ही, बगैर थके सुपरसोनिक स्पीड से टारगेट को पहचानने की क्षमता है और इसकी तकनीक के कारण यह मिसाइल किसी इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम को भी तोड़ सकती है.
आकाश मिसाइल की मारक संभावना करीब 90 फीसदी है. पहली मिसाइल के लिए जहां यह संभावना 88 फीसदी है तो दूसरी के लिए 99 फीसदी हो जाती है.
एक और खास बात यह भी है कि आकाश मिसाइल पुख्ता फ्यूल तकनीक, हाई टेक रडार और एक्यूरेसी के मामले में अमेरिकी 'पैट्रियट' मिसाइल से बेहतर है और सस्ती भी.


कैसा है पूरा मिसाइल डिफेंस सिस्टम?
3D रडार (PESA), स्विच होने वाला गाइडेंस एंटीना सिस्टम, डिजिटल ऑटो पायलट, रैमजेट प्रोपल्शन जैसी आधुनिक तकनीकों के साथ बने इस ​मिसाइल सिस्टम में चार राजेंद्र रडार और चार लॉंचर हैं जो आपस में लिंक्ड हैं और ग्रुप कंट्रोल सेंटर से नियंत्रित हो सकते हैं.
तीन मिसाइलों और एक रडार वाला हर लॉंचर 16 टारगेट को ट्रैक कर सकता है. यानी एक सिस्टम के ज़रिये रडार 64 टारगेट को ट्रैक कर एक के बाद एक 12 आकाश मिसाइलें दाग सकता है.


पूरी तरह स्वदेशी है ये मिसाइल
मिसाइल सिस्टम को एक तरफ DRDO ने डिज़ाइन और डेवलप किया है, तो दूसरी तरफ इसका उत्पादन भारत डायनामिक्स ने किया है और इसके हाई टेक राजेंद्र फेज़्ड ऐरै रडार का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने किया है.


2. चीन से टेंशन के बीच भारत की रूस से बड़ी डील, खरीदे जाएंगे 33 फाइटर जेट .


लद्दाख (Ladakh) में चीन (China) से टेंशन के बीच भारत सरकार ने बड़ी रक्षा खरीदी को मंजूरी दी है। इसमें रूस (Russia) से 12 सुखोई-30 (Sukhoi-30) लड़ाकू विमान और 21 मिग-29 (MiG-29 aircraft) विमान खरीदे जाएंगे। इसके साथ ही एयर फोर्स और नेवी को मजबूत बनाने के लिए 248 एस्ट्रा एयर मिसाइल की खरीदी होगी।


हाइलाइट्स:
¤चीन से लद्दाख में तनातनी के बीच रूस के साथ भारत की डील
¤भारत रूस से 33 फाइटर जेट खरीदेगा, इसमें सिखोई-30 और मिग-21 शामिल
¤भारत ने एयरफोर्स और नेवी के लिए एस्ट्रा एयर मिसाइल खरीदी को मंजूरी भी दी
¤रूस के साथ होनेवाले सौदे के लिए बजट 18,148 करोड़ रुपये रखा गया है


लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और रूस के राष्ट्रपति पुतिन (President Putin) की फोन पर बातचीत हुई। इसके कुछ देर बाद ही दोनों देशों के बीच एक बड़े रक्षा सौदे की जानकारी दी गई है। इसमें रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 फाइटर जेट खरीदने का एलान किया है। इसके लिए कुल बजट 18 हजार 148 करोड़ रखा गया है। इसमें भारत अपने दोस्त रूस से सुखोई-30 और मिग-29 विमान खरीदेगा। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे।


मिली जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 नए फाइटर जेट खरीदने को मंजूरी दी है। इसमें 12 सुखोई-30 लड़ाकू विमान और 21 मिग-29 भी शामिल हैं। इसके साथ ही पहले से मौजूद 59 मिग-29 को अपग्रेड भी करवाया जाएगा। इस पूरे पॉजेक्ट की कुल लागत 18,148 करोड़ रुपये बताई गई है।


रक्षा मंत्रालय ने 248 एस्ट्रा एयर मिसाइल की खरीदी की भी इजाजत दी। यह भारतीय एयर फोर्स और नेवी दोनों के काम आ सकेगी। इसके साथ ही DRDO द्वारा बनाई गई एक हजार किलोमीटर रेंज वाली क्रूज मिसाइल के डिजाइन को भी मंजूरी मिल गई है।
आत्मनिर्भर भारत पर जोर
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने कुल 38,900 करोड़ के प्रपोजल्स को मंजूरी दी है। इसमें 31 हजार करोड़ भारतीय इंडस्ट्री से होंगे। इन पैसों से पिनाक रॉकेट लॉन्चर का गोला-बारूद खरीदा जाएगा, लड़ाकू वाहनों की अप्रेडिंग आदि होगी।
जुलाई में राफेल भी आ रहा
चीन से तनाव के बीच 27 जुलाई को 6 राफेल विमानों की पहली खेप भारत पहुंच जाएगी। दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों और सेमी स्‍टील्‍थ तकनीक से लैस इन विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। भारत आने वाले राफेल फाइटर जेट्स में दुनिया की सबसे आधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मीटियर मिसाइल भी लगी होगी। 6 राफेल जेट फ्रांस के बोर्डोक्स से भारत उड़कर ही आएंगे। 
यह विमान रेडार की पकड़ में आए बिना सुपरसोनिक स्‍पीड से उड़ान भरकर दुश्‍मन के ठिकानों को तबाह कर सकता है।


3.चीन के भी हौसले पस्त करेगा भारतीय नौसेना का ‘रोमियो’, जानें किन खूबियों से है लैस !


भारत के लिए ये डिफेंस डील बहुत महत्वपूर्ण है. मल्टीरोल MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलने के बाद इंडियन नेवी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के भारत दौरे से ठीक पहले दोनों देशों के बीच एक बड़ी डिफेंस डील (Defence Deal) हुई है. भारत सरकार ने अमेरिका से 24 MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीदने की डील को मंजूरी दे दी है. ये करीब 2.5 बिलियन डॉलर की डील है. इसके पहले कहा जा रहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे में किसी तरह की डील होने की संभावना कम ही है. लेकिन दौरे से ठीक पहले एक बड़ी डिफेंस डील पर मुहर लग गई है.


भारत के लिए ये डिफेंस डील बहुत महत्वपूर्ण है. मल्टीरोल MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलने के बाद इंडियन नेवी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. भारत के मॉर्डन नेवल फ्लीट में ये बड़ी भूमिका निभाएगा. पिछले एक दशक से जिस तरह के नेवल ऑपरेशन की भारतीय नौसेना तैयारी कर रही थी, वो अब MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर के मिलने पर मुमकिन होगी.


ये हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की आंख, नाक, कान और लंबे हाथ का काम करेगा. भारत के दुश्मनों के लिए ये सबसे खतरनाक हथियार साबित होने वाला है.



किन खूबियों से लैस है MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर:


MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की असली ताकत बनने वाला है. दुश्मन के सबमरीन को खत्म करने और समंदर के अंदर उनकी खोज में इस हेलीकॉप्टर को महारत हासिल है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि समंदर के भीतर ये दुश्मन की सबमरीन की हलचल को पलक झपकते ही भांप लेता है और उनपर खतरनाक तरीके से अटैक करता है.
हेलीकॉप्टर एंटी सरफेस और एंटी सबमरीन वारफेयर से लैस है. ये जमीन और समंदर के भीतर दोनों जगहों पर मार कर सकता है. ये समंदर के भीतर सबमरीन की खोजने और किसी तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़े काम का साबित हो सकता है. खासकर भारतीय समुद्री क्षेत्र में चीन की पैठ को इस हेलीकॉप्टर के जरिए माकूल जवाब दिया जा सकता है. चीन के खिलाफ हमारी नौसेना की क्षमता पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी


रोमियो सीहॉक हेलीकॉप्टर के पास एडवांस्ड कॉम्बैट सिस्टम है. ये नई टेक्नोलॉजी वाले सेंसर, मिसाइल और टॉरपीडो से लैस है. दुश्मन के सबमरीन को ढूंढ़ निकालने और उसे खत्म करने में ये हेलीकॉप्टर काफी मददगार साबित होगा.


ये हेलीकॉप्टर कई तरह के हथियारों से लैस है. इसमें हेलफायर मिसाइल, MK 54 टॉरपीडो जैसे घातक हथियार शामिल हैं. ये AGM-114 हेलफायर जैसे एंटी सरफेस मिसाइल से लैस है. ये ATK mk50, mk46 लाइटवेट टॉरपीडो के साथ 7.62 एमएम की मशीनगन से लैस है. इन हथियारों के जरिए पलक झपकते ही दुश्मन का सफाया हो सकता है.


बताया जा रहा है कि एक MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर की कीमत 28 मिलियन डॉलर है. इसे लॉकहीड मार्टिन जैसी मशहूर कंपनी ने बनाया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को कोरोना पर आगे की रणनीति तय करने के लिए मुख्यमंत्रियों की बुलाई गई वर्चुअल मीटिंग में चीन का नाम लिए बिना कड़ा संदेश दिया। उन्होंने देश को विश्वास दिलाया कि 20 सैनिकों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 'अपनी अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा और पूरी दृढ़ता से देश की एक-एक इंच जमीन और देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।


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