ग़ाज़ियाबाद: बदमाशों की गोली लगने से गंभीर रूप से घायल पत्रकार की मौत


पत्रकार विक्रम जोशी ने कुछ दिन पहले ही अपनी भतीजी से छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी. इस संबंध में अब तक नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.


गाजियाबादः दिल्ली से सटे गाजियाबाद इलाके में सोमवार देर रात बदमाशों के हमले में गंभीर रूप से घायल पत्रकार विक्रम जोशी की बुधवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई.


उन्हें सोमवार देर रात अज्ञात हमलावरों ने उनकी दो बेटियों के सामने ही सिर में गोली मार दी थी.


गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय ने कहा, ‘पत्रकार विक्रम जोशी हत्या मामले में मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये की राहत राशि और उनकी पत्नी को रोजगार दिए जाने का ऐलान किया है.’


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकार द्वारा अपनी एक रिश्तेदार के साथ छेड़छाड़ किए जाने के आरोप में शिकायत दर्ज कराने के चार दिन बाद उन पर हमला किया गया.


पुलिस ने अब तक इस मामले में नौ लोगों- विजय, मोहित, दलवीर, आकाश, योगेंद्र, अभिषेक मोटा, अभिषेक, शकीर और मुख्य आरोपी रवि को गिरफ्तार किया है.


पुलिस का कहना है कि जन सागर टुडे अखबार के साथ काम करने वाले जोशी अपनी दोनों बेटियों के साथ स्कूटर से जा रहे थे कि तभी कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया. उनकी पिटाई करने के बाद उन्हें गोली मार दी गई.


उन्हें गंभीर हालत में गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया.


परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शुरुआती शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की.


परिवार का आरोप है कि 17 जुलाई को पोस्ट के जरिये एसएसपी ऑफिस को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें उचित कार्रवाई करने की बात कही गई थी लेकिन कुछ भी नहीं हुआ.



वहीं, पुलिस का कहना है कि 16 जुलाई को छेड़छाड़ के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उसी दिन एफआईआर दर्ज कर ली गई थी.


गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने लापरवाही बरतने के आरोप में विजय नगर पुलिस थाने के के बूथ इंचार्ज एसआई राघवेंद्र को सस्पेंड कर दिया है और कार्रवाई करने में देरी के कारणों का पता लगाने के लिए डीएसपी रैंक के एक अधिकारी के तहत जांच शुरू की गई है.


गाजियाबाद के सीओ सिटी प्रथम डॉ राकेश मिश्रा ने कहा, ‘हम महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर बहुत सख्त हैं. परिवार ने छेड़छाड़ के मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. आरोपी ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी कि विक्रम जोशी के रिश्तेदारों ने उन पर हमला किया लेकिन पुलिस को तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए थी क्योंकि यह महिला के खिलाफ अपराध का मामला था.’


इस हमले की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है.


सीसीटीवी फुटेज में विक्रम जोशी अपनी बेटियों के साथ बाइक पर जाते दिखाई देते हैं. इस बीच कुछ लोग उन्हें रोकते हैं और मारना शुरू कर देते हैं. वीडियो में बेटियों को भागते हुए देखा जा सकता है.


विक्रम जोशी सड़क पर पड़े हुए थे, तभी उनकी एक बेटी उनके पास पहुंच गई. वीडियो में वो रोते हुए मदद की गुहार लगाते देखी जा सकती है.


गाजियाबाद के एसएसपी ने बताया, ‘हमें सोमवार देर रात 10:45 बजे सूचना मिली थी कि प्रताप विहार  के एक पत्रकार विक्रम को गोली मार दी गई है. वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ घंटों बाद ही पांच लोगों को हिरासत में लिया गया, अगले दिन दोपहर तक चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया.’


उन्होंने कहा, ‘मुख्य आरोपी रवि प्रताप विहार का ही निवासी है, उसने कबूल किया है कि उसने ही अपने साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था.’


विक्रम जोशी की हत्या के विरोध में गाजियाबाद में पत्रकारों का एक समूह प्रदर्शन भी कर रहा है.


राहुल गांधी ने कहा- वादा था रामराज का, दे दिया गुंडाराज


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गाजियाबाद में एक पत्रकार की हत्या के मामले को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में रामराज का वादा किया गया था, लेकिन गुंडाराज दे दिया.



पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर कहा, ‘विक्रम जोशी के परिजनों को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि. एक साहसिक पत्रकार की आज मौत हो गई. अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने की वजह से उन्हें गोली मार दी गई. देश में भय का माहौल पैदा किया जा रहा है. आवाज दबाई जा रही है और मीडिया को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. खौफनाक.’



वहीं, इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘गाजियाबाद एनसीआर में है. यहां कानून व्यवस्था का ये आलम है तो आप पूरे उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के हाल का अंदाजा लगा लीजिए. एक पत्रकार को इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि उन्होंने भांजी के साथ छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस में दी थी. इस जंगलराज में कोई भी आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?’


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