नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की पार्टी से बगावत के बीच राहुल गांधी का यह बयान कि- ''जिसे जाना हो जाय'', का पार्टी पर गहरा प्रभाव पडऩे वाला है। अकसर देखा गया है कि ऐसा बयान किसी कारपोरेट का हेड उस वक्त बोर्ड की मीटिंग में देता है जबकि उसे कर्मचारी किसी दूसरी ज्यादा तनख्वाह और बड़ी पोस्ट देने वाली कम्पनी का हवाला देते हैं। ऐसे में कांग्रेस में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल उठना स्वाभाविक है। यानि पार्टी के लिए जी-जान लगाने वाले को नाराजगी प्रकट कर अपनी बात कहने की सुनवाई नहीं होती बल्कि दंड मिलता है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई (NSUI) के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक के दौरान कहा कि जिसे पार्टी से जाना है वो जाएगा, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
सूत्रों का कहना है कि उन्होंने यह टिप्पणी करते हुए किसी नेता का नाम नहीं लिया. हालांकि, राहुल गांधी की इस टिप्पणी को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) की बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है.
दूसरी तरफ, एनएसयूआई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जिसे पार्टी छोड़कर जाना है वो जाएगा ही, आप लोगों को घबराना नहीं है. जब कोई बड़ा नेता पार्टी छोड़कर जाता है तो आप जैसे लोगों के लिए रास्ते खुलते हैं. इस बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे.
उधर, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता ने इससे इनकार किया है कि राहुल गांधी ने बैठक में ऐसी कोई टिप्पणी की, हालांकि संगठन से जुड़े कई सूत्रों ने कांग्रेस नेता की टिप्पणी की पुष्टि की है.
]रुचि ने कहा, ‘राहुल गांधी के साथ एनएसयूआई की बैठक के बारे में कुछ खबरें सामने आई हैं. मैं कहना चाहती हूं कि ये खबरें निराधार हैं. यह एनएसयूआई की आंतरिक बैठक थी और हमने सिर्फ छात्रों एवं युवाओं के बारे में चर्चा की.’