फ्रांस से भारत आ रहे राफेल विमान... ईरान ने मिसाइल से हमला किया (मॉकड्रिल)

mumbai. एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "अभ्यास के दौरान बैलिस्टिक मिसाइल फायर को डिटेक्ट करने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में अल दाफरा एयरबेस पर अमेरिकी सैनिकों के साथ ही अल-उदीद एयरबेस जो कि कतर में अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है, को अलर्ट पर रखा गया है।"



ईरानी सैनिकों के युद्धाभ्यास के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में अल दाफरा एयरबेस पर मंगलवार (28 जुलाई) को अमेरिकी सैनिकों के साथ ही अल-उदीद एयरबेस जो कि कतर में अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है, को अलर्ट पर रखा गया है। अल दाफरा एयरबेस ही वह जगह है, जहां फ्रांस से भारत आ रहे पांच राफेल लड़ाकू विमान फिलहाल रुके हैं।


पांच राफेल विमानों की पहली खेप सोमवार (27 जुलाई) को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु में मेरिग्नैक एयरबेस से रवाना हुई थी। ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार (29 जुलाई) दोपहर को अंबाला पहुंचेंगे। पांच राफेल विमान सोमवार की शाम को करीब सात घंटों की उड़ान के बाद संयुक्त अरब अमीरात के अल दाफरा हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। फ्रांस से भारत आ रहे इन लड़ाकू विमानों के लिए यही एक ठहराव था।


ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड ने मंगलवार (28 जुलाई) को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होरमुज़ जलडमरूमध्य में एक नकली विमान वाहक पोत पर हेलीकॉप्टर के जरिए मिसाइल से हमला किया। यह एक मॉक ड्रिल था, जिसका उद्देश्य तेहरान और वॉशिंगटन में बढ़े तनावों के बीच अमेरिका को धमकी देना था।


ईरान के स्टेट टेलीविज़न की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरानी कमांडो भी "ग्रेट प्रोफेट 14" नामक अभ्यास के दौरान विमान वाहन की इस प्रतिकृति पर एक हेलीकॉप्टर से तेजी से हमला करते नजर आए। अन्य फुटेज में एक हेलीकॉप्टर को प्रतिकृति पर एक मिसाइल दागते हुए दिखाया गया, जिसमें बोर्ड पर 16 फर्जी फाइटर जेट्स थे, जबकि तेज नौकाओं ने जहाज को घेर लिया, जिससे समुद्र में सफेद लहर दौड़ गई।


अधिकारी ने कहा, "खतरे को देखते हुए बेस पर मौजूद लोगों ने खुद को सुरक्षित कर लिया और 20 मिनट के बाद जब अधिकारियों को लगा कि मिसाइलें उनके बेस की तरफ नहीं आ रही थीं तो फिर वहां सामान्य रूप से गतिविधियां शुरू हो गईं।" दोनों ठिकाने (एयरबेस) उस जगह से सैकड़ों किलोमीटर (मील) दूर हैं जहां ईरान ने प्रतिकृति विमान वाहक (एयरक्राफ्ट कैरियर) लगाया है।


ईरानी सैनिकों ने ड्रोन को लक्ष्य कर एक जगह से एंटी-एयरक्राफ्ट बैटरियों से भी निशाना साधा। स्टेट टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, यह अभ्यास बंदर अब्बास के पास किया गया। विमान वाहक पोत की प्रतिकृति निमित्ज़-श्रेणी जैसी दिखती है जिसे अमेरिकी नौसेना नियमित रूप से जलमार्ग के संकीर्ण हिस्से- होरमुज के जलडमरूमध्य से फारस की खाड़ी भेजती रहती है। यूएसएस निमित्ज श्रेणी का यह पोत पिछले सप्ताह ही हिंद महासागर से मध्य-पूर्व के समुद्री क्षेत्र में आया है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह पोत होरमुज की खाड़ी के रास्ते आगे बढ़ जाएगा या यहीं रुका रहेगा।


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