समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम पटेल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वयं गन्ना मंत्री ने स्वीकार किया है कि गन्ना किसानों का उत्तर प्रदेश की चीनी मिलो में 13380 करोड़ रूपये (तेरह हजार तीन सौ अस्सी करोड रूपये) बकाया है। फरवरी 2020 में विधान परिषद में गन्ना मूल्य बकाये की समाजवादी पार्टी द्वारा नियम 105 में उठायी गई सूचना पर गन्ना मंत्री ने कहा था कि शीघ्र पाई-पाई बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करा दिया जायेगा।
मार्च 2017 में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री जी द्वारा 14 दिन में गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करने की घोषणा की गई थी तथा विधानसभा में भी शीघ्र गन्ना मूल्य भुगतान करने की बात दोहराई गयी। भाजपा सरकार को पदारूढ हुए साढ़े तीन वर्ष बीत रहे है परन्तु गन्ना किसानों का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है जो चिन्ता का विषय है। एक तरफ सरकार कोरोना वैश्विक महामारी में आत्म निर्भर भारत का सब्जबाग दिखाने में लगी है। उसने बेरोजगारों को कृषि क्षेत्र में रोजगार देने की हवा हवाई बातें कर किसानों, नवजवानों को गुमराह कर दयनीय आर्थिक स्थिति में पहुंचा कर डिप्रेशन में जीने पर मजबूर कर दिया। आये दिन किसान, नवजवानों की आर्थिक परेशानी से आत्महत्या की सूचनायें अखबारों की सुर्खियों में रहती है। समाजवादी पार्टी व संगठनों द्वारा किसानों के गन्ना मूल्य के बकाये का भुगतान करने की मांग सरकार को ज्ञापन द्वारा लगातार की जा रही है परन्तु सरकार द्वारा कोरे आश्वासन दिये जाते हैं।
कोरोना वैश्विक महामारी की आनेवाली विभीषिका के बारे में फरवरी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अखिलेश यादव जी ने लोकसभा से लेकर प्रेस मीडिया के माध्यम से सरकार से सही कदम उठाने की बात कही थी परन्तु भाजपा के नेताओं ने अहंकार में उस पर कान नहीं दिया। 21 दिन का लाॅकडाउन कर कोरोना भगाने के लिये ताली, थाली बजवाकर नाटक किया गया तथा प्रधानमंत्री जी को दुनिया का महानायक होने के विज्ञापन दिखाये गए। भाजपा सरकार ने महंगाई बढ़ाकर आम आदमी को परेशानी में डाल दिया है। दवा के अभाव से मरीज दम तोड़ रहे हैं। इलाज तथा दवा की उचित व्यवस्था न होने से उत्तर प्रदेश में कोरोना बीमारों की संख्या में प्रतिदिन वृद्धि चिन्ता का विषय है। उत्तर प्रदेश सरकार की असफलता दिन के उजाले की तरह साबित हो गई है।