मनोज अग्रवाल
नोएडा हिंदी दैनिक आज का मतदाता अनुभवी एवं तकरीबन 15 से 20 संगठनों में शीर्ष एवं प्रमुख पदों पर सक्रियता के साथ अपने अनुभवों का साझा कर रहे सी.ए मनोज अग्रवाल ने वर्तमान करोना काल एवं इसके पूर्व कि देश की आर्थिक नीतियों के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ बैंकों को भी काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया है आपने कहा है कि सरकार की बुनियादी आर्थिक क्रांतिकारी बदलाव की नीति मजबूत एवं दूरगामी परिणाम पर आधारित हैलेकिन उसकी आधारशिला बैंकों द्वारा ऋण जनता तक पहुंचाने पर है जिसमें पूरा का पूरा आर्थिक ढांचा निर्मित होता है मनोज अग्रवाल ने अपनी बात को बहुत ही जिम्मेदारी पूर्वक रखते हुए कहा कि बैंकिंग व्यवस्था ही आर्थिक नीतियों को सही मायने में अमलीजामा पहनाने में अपनी उपयोगिता सिद्ध करती है जो कि सही मार्ग पर भटकी हुई लगती है बैंकों को अपनी नीतियों को सही धरातल पर उतारने की आवश्यकता है उसके इसके बाद विकास का पहिया किसी ने विपदा से न रुकेगा न थमेगा बल्कि आर्थिक रूप से विकसित देश की श्रेणी में भारत देश शामिल हो जाएगा एक सवाल के जवाब में आप ने कहा कि सरकार की भेदभाव वाली नीतियों में नीतिगत बदलाव लाने की आवश्यकता है आज देश की आवाम सरकार से जवाब चाहती है वह कौन सा मजबूत कारण था कि जेट एयरवेज को नहीं बचाया गया जबकि काफी हद तक आर्थिक नुकसान के बाद यस बैंक को बचा लिया गया सरकार को अपनी इस तरह की नीतियों को सार्वजनिक करके जनता के भरोसे को जीतने की आवश्यकता है जो कि आज कि सरकार इस मकसद में विफल है मनोज अग्रवाल ने कहा कि आज देश की नोटबंदी एवं बैंक का बंद होना देखकर जनमानस अपने जमानत एवं अन्य राशि को बैंक के मुहाने पर सुरक्षित महसूस करने में सक्षम नहीं है वह बैंकिंग प्रणाली की गिरती साख को देखकर अपनी बचत को बैंकों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से रखने के घेरे में है इसलिए सरकार को अपनी नीतियों के साथ-साथ जनमानस अपने उपक्रमों की विश्वसनीयता को अधिक मजबूत बनाने के लिए निर्धारित एवं सुनिश्चित दिशा में तेजी से काम करें तो ही उसकी मुहीम निर्णायक सिद्ध होगी।