c a अमित गुप्ता
हिं.दै.आज का मतदाता नोएडा भारत देश को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना देश के प्रधानमंत्री का है लेकिन सच्चाई इस तथ्यों से कोसों दूर है सीए अमित गुप्ता ने एक संक्षिप्त वार्ता के अंतर्गत यह बात कही आपने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की नींव बैंकिंग प्रणाली तथा लोन देने की नीति होती है जो कि हमारे देश में दोनों क्षेत्रों में नीतिगत बदलाव की आवश्यकता की मांग पर है आज यदि लोन देने की नीति सही नहीं है तो उसे बैंकिंग व्यवस्था द्वारा धरातल पर उतारा नहीं जा सकता और जब तक सही हाथों तक लोन नहीं पहुंचेगा तब तक न तो मांग बढ़ेगी और ना ही सामाजिक समानता को ध्यान में रखकर m s m e sector को मदद करने की नीति अमित गुप्ता ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार की सारी आर्थिक नीतियों का संचालन बैंकिंग प्रणाली से है जोकि प्रारंभ से ही संदेह के घेरे में है बैंकों द्वारा सही मूल्यांकन और आकलन की कमी के कारण लाखों खाते एनपीए हो रहे हैं जिसका परिणाम पूरे अर्थ जगत पर पड़ रहा है आपने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था बनाएं की क्यों बैंक उन लोगों को कर्ज नहीं दे रहे हैं जो बैंक का चक्कर काटते काटते थक जाते हैं और अपनी प्रोजेक्ट और मनोबल दोनों को रद्दी की टोकरी में डाल देते है सरकार ऐसे करोड़ों लोगों का आंकड़ा संग्रहित करें की बैंकों ने कर्ज किन-किन लोगों को नहीं दिया और किन-किन लोगों को किस आधार पर कर्ज दिया सरकार इसके साथ साथ इस बात का भी पता लगाएं कि यदि 1000 लोगों में से 10% को कर्ज़ दिया क्यों और 90% लोगों को कर्ज नहीं दिया तो क्यों जब तक इस व्यवस्था से बैंकिंग सेक्टर को नहीं जोड़ा जाएगा बैंकिंग अधिकारियों की मनमानी चलती रहेगी आपने इसके अलावा केंद्र सरकार से नीतिगत अपील में यह बात कही की बैंकिंग सेक्टर में बैंकिंग के अलावा कई काम आवंटित कर दिए गए हैं जैसे बीमा आदि जो उचित नहीं है आपने जीएसटी को लेकर कई परिवर्तन होने की अपील की परंतु आपने कहा कि यदि रिवाइज रिटर्न तथा निर्यात करता के रिफंड के बारे में सरकार कुछ और व्यवस्था करें तो बेहतर होगा