एडवोकेट अंकुर गोयल
हिं.दै.आज का मतदाता नोएडा एडवोकेट अंकुर गोयल एक युवा सोच के साथ भविष्य के तमाम कानूनी पहलू की बुनियादी बात पर अपनी प्रतिक्रिया के प्रति काफी सजग है तथा न्याय प्रक्रिया को और अधिक सुगम शीघ्र एवं न्यायोचित बनाने के लिए समर्पित है एक संक्षिप्त वार्ता के अंतर्गत एक सवाल के जवाब में अंकुर गोयल ने कहा कि सीधे तौर पर कानूनी परिवर्तन के लिए केंद्र सरकार को जनता की राय एवं आवाज को शामिल करना चाहिए जिससे पारदर्शिता बढ़ने के साथ-साथ करोड़ों जन भावनाओं के आदर को बल मिलेगा जिससे आम जनमानस की कानूनी आस्था में अधिक विश्वास और बढ़ोतरी होगी आपने कानूनी प्रक्रिया में डिजिटल माध्यम की अधिक उपयोगता पर बल देते हुए कहा कि सभी क्षेत्रों में इस माध्यम की उपयोगिता से लाभ हासिल हो रहा है बैंकिंग सेक्टर में 1 रुपया का हस्तांतरण तुरंत 5 मिनट के अंदर उपभोक्ता को सूचित कर देता है जिससे बैंकिंग सेक्टर की विश्वसनीयता में में इजाफा हो रहा है अंकुर गोयल ने कहा कि इसी तरह कानून की हर प्रक्रिया में डिजिटल माध्यम को प्रयोग में लाने के साथ-साथ संबंधित विभागीय अधिकारी की जवाबदेही भी सुनिश्चित करनी चाहिए आपने कहा कि प्रथम f.i.r. से लेकर तमाम पुलिस से लेकर कोर्ट के सारे प्रपत्रों का आदान प्रदान यदि ऑनलाइन होगी तो प्रपत्र के खोने ना पहुंचने एवं संज्ञान में ना आने का कारण समाप्त हो जाएगा जिससे कानूनी प्रक्रिया में शीघ्रता आएगी और प्रमाणिकता को ताकत मिलेगी आपने कहा कि सरकार ऐसा दिशा निर्देश जारी करें जिससे हर स्टेज पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही समय सीमा के साथ सुनिश्चित होनी चाहिए और इसकी शुरूवात प्रथम प्रथिमिकी fir से सुनिश्चित होनी चाहिए अंकुर गोयल ने एक अन्य गंभीर मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि सदैव पुलिस व्यवस्था को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है और ज्यादा तर देखा भी जाता है इसलिए मेरी अपील है कि सारे प्रदेश की सरकार एवं खासतौर से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यह सुनिश्चित करें कि पुलिस के पंजीकृत सारे मामले आपराधिक हो या अन्य सभी मामलों की निगरानी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सुनिश्चित होनी चाहिए तथा इसमें जो भी जिम्मेदार पुलिस अधिकारी की कार्यवाही संदेह के घेरे में आती है तो समय सीमा सूचि मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी कमेटी द्वारा उस पर कार्यवाही हो जिससे पीड़ित पक्षकार की न्यायिक नींव मजबूत होती जाएगी तथा जनमानस में विश्वास तथा अपराधी में खौफ पैदा होगा और सबसे बड़ी न्यायालय में सही तथ्य सुरक्षित होंगे तथा समय की बचत भी होगी