एडवोकेट सुधीर सक्सेना
हिं.दै.आज का मतदाता गौतम बुध नगर दादरी अधिवक्ता सुधीर सक्सेना वर्तमान में कानूनी प्रक्रिया में कुछ सार्थक बदलाव के लिए कानून मंत्रालय से अपील के साथ अपनी बात एक वार्ता के अंतर्गत रखा और कहा कि आज सर्व विदित है कि न्याय पीड़ित पक्षकार को विलंब से मिलता है पर मुझे गर्व है कि देश की न्याय व्यवस्था द्वारा हर किसी को न्याय ही मिलता है इसमें कोई भी संदेह नहीं है लेकिन यदि कानून मंत्रालय कुछ ऐसी व्यवस्था बनाएं कि जज और पीड़ित पक्ष कार की दूरी कम हो, कम अवधि लगे, तो मुझे पूरी उम्मीद है कि न्याय जल्दी मिलेगी आपने कहा कि इस न्यायिक प्रक्रिया में डिजिटल प्रणाली की व्यवस्था को और अधिक प्रचलन में लाना होगा ऑनलाइन व्यवस्था के तहत पत्रों को स्वीकार करने के साथ उसकी अपडेट संबंधित वकील और पक्षकारों तक पहुंचाना पड़ेगा जिससे पारदर्शिता और अधिक बढ़ेगी । कानूनी प्रक्रिया में शीघ्रता लाने के लिए न्याय की बुनियाद गवाह की गवाही को मजिस्ट्रेट के सामने वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था को यदि कानून मंत्रालय द्वारा संस्तुति मिलती है तो गवाह भी जवाब देही के लिए तैयार रहेगा और अपराधी भी गवाह को भ्रष्टाचार के बदौलत उसे दिशाहीन नहीं कर पाएगा सुधीर सक्सेना ने एक अन्य महत्वपूर्ण सवाल के जवाब में कहा कि केंद्र की आर्थिक नीति बहुत अच्छी है लेकिन वह जन-जन तक सही मायने में पहुंच नहीं पा रही है 20 लाख करोड़ का पैकेज एमएसएमई सेक्टर को लाभ पहुंचाने के लिए एवं अन्य नागरिको को सुविधा देने के लिए घोषित हुई थी लेकिन वर्तमान बैंकिंग प्रणाली नोटबंदी के तर्ज पर काम कर रही है वह सही लोगों तक लोन पहुंचाने का काम नहीं कर पा रही है। बैंकिंग व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाना होगा। वर्तमान एक देश एक कर प्रणाली जीएसटी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आपने कहा कि यह व्यवस्था अच्छी है परंतु प्रतिमाह नोटिफिकेशन को तय सीमा में लाने की आवश्यकता है तथा मानवीय भूल को सर्वोपरि रखते हुए रिवाइज् रिटर्न की व्यवस्था इस एक्ट में जल्दी से जल्दी लाई जाय ।आपने कहा कि भविष्य में देश का राजस्व का नुकसान न हो इसलिए पंजीयन प्रक्रिया में अधिवक्ता को प्रपत्र की सत्यापन से जोड़कर पत्रों के सत्यापित होने के उपरांत ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया जाना चाहिए