सीए पंकज जैन
हिं.दै.आज का मतदाता नोएडा डिजिटल युग में प्रवेश हमारी देश की व्यवस्था तकरीबन दो दशक पूर्व कर चुकी है लेकिन पिछले कुछ वर्षों पूर्व नोटबंदी कर जनधन खाते खोलने की परिकल्पना आज इस करोना काल में अत्यधिक सार्थक सिद्ध हुई है पंकज जैन ने एक सवाल के जवाब में अपने यह विचार रखे। आपने आर्थिक बदलाव पर कई प्रश्नों के उत्तर में अपनी बात को गंभीरता से रखते हुए कहा कि सरकार की आर्थिक नीतियां बहुत ही अच्छी है परंतु उसकी व्यवहारिकता निचले दरवाजे तक नहीं पहुंची है सरकार संबंधित विभागों में इसकी खामियों पर विशेष ध्यान देकर उसे शीघ्र से शीघ्र दूर करें। आप ने कहा कि आज आवश्यक है कि बैंकिंग सेक्टर द्वारा लोन देने की व्यवस्था सही पात्रों की चैन श्रृंखला में बढ़ोतरी कर उसके परिकल्पना को साकार कर देश में आर्थिक मजबूती लाना है जिसे अभी तक बैंकिंग व्यवस्था द्वारा शत-प्रतिशत संचालित नहीं किया जा पा रहा है। पंकज जैन ने कहा करोना एक संक्रमण को तेजी से जन्म देने वाली बीमारी नहीं आपदा है जिसने अपने दुष्प्रभाव मानवीय जनजीवन को उलट पलट कर दिया है व्यक्ति का व्यक्ति से मिलना मौत का पैगाम लगने लगा लेकिन जनधन खाते खातों द्वारा सरकार कई करोड़ खाता धारियों को बिना किसी से संपर्क में आए उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाई जो कि उन खाता धारकों के लिए नवजीवन समान था जिन्हें आर्थिक मदद की बड़ी आवश्यकता थी। एक सवाल के जवाब में आपने कहा कि आर्थिक क्षेत्र हमेशा सार्थक बदलाव के लिए प्रस्तावित रहते हैं इसमें बहुत कुछ करने की हमेशा संभावना रहती है इसलिए जीएसटी वर्तमान सुधारात्मक निर्धारण कर नीति है इसमें अभी बहुत बड़े बदलाव की आवश्यकता है जिससे आम व्यापारी इसके लाभ को समझ सके और भयमुक्त होकर व्यापार कर सके। आपने एक गंभीर सवाल के जवाब में कहा कि जीएसटी दायरे में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को भी शामिल करना चाहिए जिससे वस्तु उत्पादन की कीमत में लागत एक समान निश्चित हो सके। जीएसटी व्यवस्था में एक अन्य सवाल के जवाब में पंकज जैन ने कहा कि यदि ऑफिस के लिए कार ऑफिस के लिए बिल्डिंग व्यापारी खरीदता है क्योंकि वह व्यापारिक कार्य में बढ़ोतरी के लिए खरीद रहा है तो उसे इसमें भुगतान की गई जीएसटी का रिफंड मिलना चाहिए ।