आगरा में बन रहे मुग़ल संग्रहालय की आधारशिला साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रखी थी. योगी आदित्यनाथ ने इसका नाम बदलते हुए कहा कि नए उत्तर प्रदेश में ग़ुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिह्नों का कोई स्थान नहीं. हमारे नायक शिवाजी महाराज हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में मुगलों की विशेष उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले ‘मुगल म्यूजियम’ (मुगल संग्रहालय) का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखने का आदेश दिया है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने सोमवार को यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आगरा मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान यह आदेश दिए.
ताजमहल के पूर्वी गेट के नजदीक बन रहे मुगल संग्रहालय में मुगलों के दौर में हासिल की गई राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को कलाकृतियों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा. लगभग 52 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रहे इस संग्रहालय के निर्माण पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर आगरा में निर्माणाधीन मुगल संग्रहालय का नाम रखने की घोषणा की है.
उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार ने हमेशा राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा दिया है. चाहे कुछ भी हो जाए गुलामी की मानसिकता के प्रतीकों को खत्म किया जाएगा.’
अधिकारी ने बताया कि योगी ने कहा, ‘हमारे नायक मुगल कैसे हो सकते हैं?’ शिवाजी का नाम राष्ट्रवाद और आत्मसम्मान की भावना पैदा करेगा.’
मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम को छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाएगा. आपके नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिह्नों का कोई स्थान नहीं. हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं. जय हिन्द, जय भारत.’
आगरा में मुगल संग्रहालय की आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनवरी 2016 में आगरा हेरिटेज सेंटर, ताज ओरिएंटेशन सेंटर जैसी परियोजनाओं के साथ रखी थी.
ताजमहल के पूर्वी द्वार के पास लगभग 6 एकड़ भूमि पर आने वाले इस संग्रहालय की परिकल्पना मुगलों के जमाने के हथियारों, संस्कृति और पोशाक के बारे में पर्यटकों को अवगत कराने के लिए की गई थी.
वर्ष 2017 में बनना शुरू हुए इस संग्रहालय का निर्माण 2019 तक पूरा हो जाना था. हालांकि अभी अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि नाम परिवर्तन का परियोजना की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने संग्रहालय के नाम को बदलने और ‘मुगल हमारे नायक नहीं हो सकते हैं’ पर जोर देते हुए कहा कि परियोजना की प्रकृति को भी बदलो.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, ताजमहल के पूर्वी गेट पर बन रहा यह संग्रहालय करीब 150 करोड़ का प्रोजेक्ट है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस म्यूजियम के जरिए छत्रपति शिवाजी महाराज के वैभव को सारी दुनिया में प्रसारित करने का लक्ष्य बनाया है.
सरकार ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों के माध्यम से म्यूजियम में मराठा साम्राज्य के कालखंड की तमाम चीजों को प्रदर्शित करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा पर्यटकों के लिए यहां विशेष सुविधाओं का इंतजाम कराने के लिए भी कहा गया है.
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने आगरा मंडल में 10 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का जायजा लिया, जिसमें आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और मथुरा जिले शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगरा स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए.
बता दें कि इससे पहले योगी सरकार 2018 में में संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था. गौरतलब है कि 16वीं सदी में इलाहाबाद का नाम मुग़ल बादशाह अकबर ने रखा गया था.
इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग अरसे से चल रही थी. भारतीय जनता पार्टी ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि जिस मानसिकता से अकबर ने प्रयागराज का नाम इलाहाबाद परिवर्तित किया था, उसी मानसिकता के लोग आज उसका नाम प्रयागराज होने पर विरोध कर रहे हैं.