उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले की 19 साल की दलित युवती की कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार और बर्बरतापूर्वक मारपीट के बाद हुई मौत की घटना के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
नई दिल्लीः हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर बृहस्पतिवार को राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शनों के बीच दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट और इसके आसपास के इलाकों में किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बृहस्पतिवार को इस संबंध में डीसीपी दिल्ली ने ट्वीट कर कहा, ‘सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने की वजह से इंडिया गेट के आसपास किसी सभा की इजाजत नहीं है.’
हालांकि, पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ‘जन साधारण को सूचित किया जाता है कि तीन सितंबर के दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के आदेश के तहत जंतर मंतर पर कुल 100 लोग इकट्ठा हो सकते हैं. हालांकि इसके लिए भी संबंधित अधिकारी से अनुमति लेनी होगी.
इंडिया गेट और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू होने से किसी एक जगह पर एक समय में चार से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते.
बता दें कि गुरुवार को इंडिया गेट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यूपी के हाथरस जिले में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर कैंडल लाइट मार्च किया था. इसके अलावा पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कई छात्र संगठनों ने भी इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया था.
हाथरस पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए शुक्रवार को भी कई संगठनों ने इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. इस मामले को लेकर देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी है.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के साथ बलात्कार किया था.
उनकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन में गंभीर चोटें आई थीं. आरोपियों ने उनकी जीभ भी काट दी थी. उनका इलाज अलीगढ़ के एक अस्पताल में चल रहा था.
करीब 10 दिन के इलाज के बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 29 सितंबर को युवती ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर उनकी सहमति के बिना आननफानन में युवती का अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया है.
युवती के भाई की शिकायत के आधार पर चार आरोपियों- संदीप (20), उसके चाचा रवि (35) और दोस्त लवकुश (23) तथा रामू (26) को गिरफ्तार किया गया है. उनके खिलाफ गैंगरेप और हत्या के प्रयास के अलावा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारक अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस बीच हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार द्वारा पीड़ित के पिता को कथित तौर पर धमकी देने का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली की आलोचना हो रही है.
युवती की मौत के बाद विशेष रूप से जल्दबाजी में किए गए अंतिम संस्कार के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने उत्तर प्रदेश पुलिस से जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किए जाने पर जवाब मांगा है.