प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार में ‘जंगलराज’ लाने वालों को ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ से दिक्कत है. राजद प्रवक्ता मनोज झा ने प्रधानमंत्री तंज करते हुए कहा कि स्टेशन पर मरी पड़ी मां भी भारत मां थी. राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने बिहार को लूटा है. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि 10 नवंबर को तेजस्वी यादव के आलोचक ‘खामोश’ हो जाएंगे.
पटना/सहरसा/कटिहार/मधुबनी/नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत प्रदेश के 94 विधानसभा क्षेत्रों में मंगलवार को शाम छह बजे मतदान संपन्न हो गया.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शाम छह बजे तक 53.51 प्रतिशत मतदान हुआ है.
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत प्रदेश के 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर कोविड-19 से बचाव के निर्धारित मापदंड का पालन करते हुए मंगलवार को कड़ी निगरानी और पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया.
ये 94 विधानसभा क्षेत्र 17 जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, नालंदा तथा पटना में में पड़ते हैं.
इस चरण में कुल 1,463 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें 146 महिला तथा एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार शामिल हैं. इस चरण में कुल 28,550,285 मतदाता रजिस्टर्ड हैं.
दूसरे चरण में प्रमुख उम्मीदवारों में विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव राघोपुर से और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव हसनपुर से चुनावी मैदान में हैं.
तेजस्वी यादव वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं.
उन्होंने 2015 में भाजपा के सतीश कुमार को हराकर यह सीट फिर अपनी पार्टी के लिए जीती थी. सतीश ने 2010 में इस सीट पर तेजस्वी की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया था.
भाजपा ने इस बार भी सतीश कुमार को ही तेजस्वी के खिलाफ मैदान में उतारा है.
इसके अतिरिक्त पथ निर्माण मंत्री और भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव (पटना साहिब), जदयू विधायक और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (नालंदा), भाजपा विधायक और सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह (मधुबन) और जदयू नेता और राज्य मंत्री रामसेवक सिंह (हथुआ) से चुनावी मैदान में हैं.
पटना की बांकीपुर सीट से कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा भी इस चरण में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. उनका प्रमुख रूप से मुकाबला भाजपा के विधायक नितिन नबीन के साथ होगा.
राज्यपाल फागू चौहान ने सुबह सात बजे पटना के राजभवन कैंपस स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय मतदान केंद्र पर मतदान किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसी मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने अपनी माता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ सुबह अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने भी पटना के एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने अपने चचेरे भाई और सांसद प्रिंस राज के साथ खगड़िया जिला स्थित एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती सुनिश्चित किए जाने के साथ मतदान के लिए 41,362-41,362 सेट ईवीएम एवं वीवीपैट का प्रबंध किया गया था.
महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 27 उम्मीदवार तथा दरौली विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
इस चरण में राजग में शामिल भाजपा के 46 एवं जदयू के 43 और वीआईपी के पांच उम्मीदवार मैदान में हैं. विपक्षी महागठबंधन में शामिल राजद के 56 उम्मीदवार, कांग्रेस के 24, वामदलों के 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
इसके अलावा लोजपा के 52 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन सीटों में से दो पर 2015 में राजग के साथी के तौर पर लोजपा ने जीत दर्ज की थी. रालोसपा के 36, बसपा के 33 तथा लोजपा के 52प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपना-अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
चुनावी रैली में नीतीश कुमार पर फेंके गए प्याज, मुख्यमंत्री बोले- खूब फेंको
बिहार के मधुबनी में एक चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मंगलवार को प्याज फेंके गए. इसको देखते हुए उनके सुरक्षाकर्मी तुरंत ही घेरा बनाकर खड़ा हो गए जबकि मुख्यमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मधुबनी के हरलाखी में जब नीतीश कुमार पर प्याज फेंके गए तब वह नौकरी देने के बारे में बात कर रहे थे. हालांकि, कोई भी प्याज उन्हें लगा नहीं.
अचानक कई प्याज जब मुख्यमंत्री के मंच की तरफ आने लगे तब मुख्यमंत्री ने कहा, ‘खूब फेंको, खूब फेंको, खूब फेंको.’
वहीं, जब प्याज फेंकने वाले को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया तब उन्होंने कहा, ‘उसे जाने दो, उस पर कोई ध्यान मत दो.’ इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने अपना भाषण जारी रखा और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के वीआईपी कल्चर पर मतदाताओं ने नाराजगी जताई
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना के एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया, लेकिन वहां मौजूद अन्य लोग उन्हें मिले वीआईपी ट्रीटमेंट से खफा दिखे.
सुशील मोदी. (फोटो: पीटीआई)
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, पटना के सेंट जोसेफ हाईस्कूल में सुबह सात बजे से मतदान शुरू होना था लेकिन लोग 6:30 बजे से ही लाइन में लग गए थे. इसी दौरान 7 बजे के बाद उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी आए और सीधे मतदान केंद्र के अंदर चले गए जबकि लाइन में लगे लोग देखते रहे.
इस दौरान लाइन में खड़े एक डॉक्टर ने कहा कि हम लोग काफी वक्त से लाइन में लगे हैं, लेकिन अब क्या कीजिएगा. यही वीआईपी सिन्ड्रोम है. यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है.
दरअसल, सुशील मोदी के मतदान केंद्र में जाते ही मीडियाकर्मी भीड़ लगाकर उनकी तस्वीरें और वीडियो कैमरे में कैद करने में लग गए थे.
वहीं, लाइन में खड़े कुछ अन्य वोटरों ने कहा कि हम लोग 6:30 बजे से खड़े हैं, लेकिन सुशील मोदी जी तो वीआईपी हैं. अब नेता आए हैं, सिर्फ पब्लिक के लिए सोशल डिस्टेंसिंग है और मास्क-सैनिटाइजर हैं.
जब सुशील मोदी से इस वीआईपी ट्रीटमेंट पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप आगे बढ़ चले.
‘जंगलराज’ लाने वालों को ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ से दिक्कत: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बिहार में ‘जंगलराज’ लाने वालों को ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ से दिक्कत है और प्रदेश के लोगों को इनसे सतर्क रहना चाहिए और इन्हें मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.
सहरसा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की अनेक वीर माताएं अपने लाल, अपनी लाडलियों को राष्ट्ररक्षा के लिए समर्पित करती हैं, जो देश की सीमा, संप्रभुता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन बिहार को जंगलराज बनाने वालों के साथी और उनके करीबी चाहते हैं कि आप भारत माता की जय के नारे न लगाएं.’
मोदी ने कहा, ‘छठी मैया को पूजने वाली इस धरती पर, जंगलराज के साथी चाहते हैं कि भारत माता की जय के नारे न लगें.’
राजद और कांग्रेस समेत अन्य दलों के विपक्षी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे लोग चाहते हैं कि लोग ‘जय श्री राम’ भी न बोलें.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कभी एक टोली कहती है कि भारत माता की जय के नारे मत लगाओ, कभी दूसरी टोली को भारत माता की जय से सिरदर्द होने लगता है. ये भारत माता के विरोधी अब एकजुट होकर बिहार के लोगों से वोट मांग रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को ऐसे लोगों से सतर्क रहना है जिनका इतिहास ‘जंगलराज’ का है और जो सिर्फ अपने और अपने परिवार के लिए जीते हैं.
प्रधानमंत्री ने लोगों से ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाने को कहा.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘बिहार के लोग आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर बिहार के लिए प्रतिबद्ध हैं, कटिबद्ध हैं. आत्मनिर्भर बिहार के लिए हर जिलों के ऐसे उत्पादों को निखारने, संवारने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के हर जिले में कम से कम एक ऐसा उत्पाद है, जो देश-विदेश के बाजारों में धूम मचा सकता है. उन्होंने इस संबंध में खादी, मखाने, मधुबनी पेंटिंग, जूट उद्योग आदि का जिक्र किया.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यादव समुदाय को जोड़ने का प्रयास करते हुए कहा कि जिस प्रकार से श्रीकृष्ण ने एक उंगली पर गोवर्धन को उठाया था, जिस प्रकार से ग्वालों ने समर्थन किया था, वैसे ही आपकी उंगली पर लोकतंत्र के सौभाग्य का चिह्न लगने वाला है.
उन्होंने कहा कि आज बिहार असुरक्षा और अराजकता के अंधेरे को पीछे छोड़ चुका है.
कोरोना काल में सरकार के कार्यो का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘कोई गरीब भूखा न सोए, ये कोरोना काल में सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता है. बीते आठ महीने से ये काम पूरी तन्मयता से, पूरी निष्ठा से चल रहा है.’
स्टेशन पर मरी पड़ी मां भी भारत माता थी: मनोज झा
भारत माता की जय के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण पर राजद ने जोरदार पलटवार करते हुए उनसे कई सवाल पूछे.
राजद प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री भारत माता की जय के बारे में बात कर रहे हैं, जो मां स्टेशन पर मरी हुई पड़ी हुई थी वह भी भारत माता थी. जिन बच्चों के पास नौकरी नहीं है उनकी माएं भी भारत माता हैं. यह एक चुनावी नारा नहीं हो सकता है. जाइए एक मशीन लेकर आइए और उसमें हम सभी को डालकर हमारी देशभक्ति की जांच कर लीजिए.’
मोदी और नीतीश ने बिहार को लूटा, जनता देगी जवाब: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र और बिहार सरकार पर कोरोना वायरस, बेरोजगारी, किसानों एवं छोटे व्यापारियों की समस्याओं से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि इन दोनों ने मिलकर बिहार को लूटा, वादे पूरे नहीं किए और अब राज्य की जनता इनको जवाब देगी.
राहुल गांधी. (फोटो: ट्विटर/@INCIndia)
राहुल गांधी ने दावा किया कि बिहार की जनता ने दोनों को सत्ता से बाहर करने का फैसला कर लिया है और इस बार राज्य में महागठबंधन की सरकार बनेगी.
कटिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब लाखों मजदूर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तय करते हुए अपने घर आ रहे थे, तब नीतीश जी और मोदी जी कहां थे? तब मदद नहीं की और अब वोट मांगने आ रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री विकास तथा रोजगार सृजन के वादे को पूरा करने में विफल रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘यहां आए युवाओं से मैं पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार दूंगा, नीतीश जी ने भी यही कहा था, लेकिन कहां हैं नौकरियां? आज युवा बेरोजगार क्यों हैं? किसी ने अपना वादा पूरा नहीं किया.’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि किसान हाल ही में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर मोदी से खफा हैं. राहुल ने कहा कि पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और अब किसानों को खत्म करने का कानून बनाया गया. इसलिए इस दशहरे पर पंजाब में किसानों ने नरेंद्र मोदी, अंबानी, अडाणी (उद्योगपति) का पुतला जलाया.
उन्होंने कहा, ‘इन कानूनों की सच्चाई पंजाब में सामने आ गई है. और बिहार में भी सामने आ गई है.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्हें मक्का का उचित दाम मिल रहा है? उन्होंने कहा कि देश में मक्का उत्पादन में बिहार की बीस फीसदी भागीदारी है लेकिन ‘क्या आपको सही दाम मिलता है?’ मोदी जी और नीतीश जी ने सही दाम दिलाने के लिए क्या किया?
उन्होंने कहा, ‘बिहार का हर युवा जानता है कि नरेंद्र मोदी और नीतीश जी ने मिलकर बिहार को लूटा है. उन्होंने बिहार के छोटे दुकानदारों को तबाह कर दिया और इसीलिए अब बिहार के युवाओं और किसानों ने महागठबंधन को वोट देने का फैसला किया है.’
उन्होंने लोगों से सवाल किया कि कटिहार में हर साल बाढ़ आती है, हर साल आपको नुकसान होता है लेकिन इस नुकसान से उबरने के लिए मोदी जी और नीतीश जी ने क्या किया?
उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने पर बाढ़ पर ध्यान देने के साथ-साथ मक्का के लिए प्रसंस्करण फैक्टरी लगाई जाएगी ताकि यहां के किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े.
तेजस्वी के आलोचक 10 नवंबर को ‘खामोश’ हो जाएंगे: शत्रुघ्न सिन्हा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ‘महाविजय’ की उम्मीद जताते हुए मंगलवार को कहा कि 10 नवंबर को मतगणना वाले दिन राजद नेता तेजस्वी यादव के आलोचक ‘खामोश’ हो जाएंगे.
शत्रुघ्न सिन्हा. (फोटो: पीटीआई)
सिन्हा ने यह दावा भी किया कि महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी के खिलाफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से निजी हमले किए जा रहे हैं, क्योंकि 10 लाख नौकरियों के वादे से विरोधी दल पूरी तरह घबराए हुए हैं.
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘दीवार पर लिखी इबारत साफ नजर आ रही है कि हमारे अपने बहुआयामी, चर्चित और लोगों की आकांक्षा एवं आशा बन चुके तेजस्वी यादव की अगुवाई में युवा ब्रिगेड ‘बिहार पुत्र’ लव सिन्हा जैसी उनकी युवा टीम एवं अन्य के साथ मिलकर बड़ी जीत हासिल कर रही है और सरकार बनाने जा रही है.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, ‘बिहार में महागठबंधन की जीत सुनिश्चित है क्योंकि लोग ऐसा ही चाहते हैं. युवा दिलों की धड़कन राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को लेकर जो उत्साह है, मैं तो यही कहूंगा कि यह देखकर आपको जीत का विश्वास हो जाएगा.’
तेजस्वी का अनुभव कम होने संबंधी आलोचना को लेकर सिन्हा ने अपने चित-परिचित अंदाज में कहा कि 10 नवंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद उनके आलोचक पूरी तरह ‘खामोश’ हो जाएंगे.
उन्होंने विकास के मुद्दों के बारे में बात नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात की थी, लेकिन अब ‘कांग्रेस युक्त भारत’ हो रहा है.
सिन्हा के मुताबिक, कांग्रेस देश की आजादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा योगदान देने वाली पार्टी है तथा वह ‘पुरानी, शानदार, साहसिक और सुंदर’ पार्टी भी है और इस बारे में यह कहा जाता है कि ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बनाया जाएगा, लेकिन ‘काग्रेस युक्त भारत’ बन रहा है.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मेरे मित्र हैं और प्रधानमंत्री के पद पर होने की वजह से इस देश के अभिभावक हैं. परंतु उन्होंने एक बार भी समस्याओं के समाधान के बारे में बात नहीं की. दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उन्होंने बिहार से किए एक भी वादे को पूरा नहीं किया.’
सिन्हा ने तेजस्वी को ‘जंगलराज का युवराज’ कहने के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की और सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई ऐसी भाषा का इस्तेमाल करे तो उन्हें कैसा महसूस होगा?
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री बिहार में चीन, तीन तलाक, अनुच्छेद 370 के बारे में बात कर रहे हैं. यहां तो विकास, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, नौकरियों, प्रति व्यक्ति आय और किसानों के बारे में बात करनी चाहिए.’
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री, उनके लोग और बिहार सरकार राहुल गांधी और तेजस्वी तथा मेरे जैसे लोगों के सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं.