बी आर बत्रा
सूरज चांद सितारे तेरी महिमा को दर्शा रहे हैं ,
और धरती पर यह अथाह जल, बादल बनकर यूं ही तो बरसा रहे हैं ,
बर्फीले पर्वत की चोटियां ,नदियों का शीतल जल, तेरी महिमा के गीत गा रहे हैं,
अनंत कृतियों का बेजोड़ रूप ,तेरी कला को दिखा रहे हैं ।
राम वह जो रमा हुआ कण-कण में अपने को जता रहा है,
फूलों की सुंदरता को देखकर चांद भी शरमा रहा है ,
सूरज चांद सितारे तेरी महिमा को दर्शा रहे ।