दीप से दीप -बीआर बत्रा


                               बीआर बत्रा 

दीप से दीप

एक दिया तो ऐसा जलाओ जो सभी मुझे दियो को जलाए ,

दीप से दीप जब जलते हैं, तो रोशन होता है जहान ,

आंखों में आंसू मत लाओ, 

आंसू मोतियों से भी महंगे हैं  मेरे दोस्त ,

जो मुंह से कुछ नहीं कहता, वह आंसुओं में बह जाता है ,

 दिल की कोई जुबान नहीं होती ,

बस एक दिया ऐसा जलाओ जो सभी मुझे दिए को जलाए

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र
मोदी खुद शहंशाह, मेरे भाई को शहजादा बोलते हैं: गुजरात में प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री पर किया पलटवार
चित्र
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की आपातकाल बैठक में वर्किंग कमेटी की गई भंग सर्वसम्मति से नए अध्यक्ष चुने गए डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव
चित्र
साहित्यकार संतोष पटेल को मिला ओमप्रकाश वाल्मीकि सम्मान 2021
चित्र