वर्तमान समय में क्वाड शिखर सम्मेलन का महत्व :-
वर्तमान में चीन की विस्तारवादी नीतियों के कारण भारत - प्रशांत क्षेत्र में चीन ने जिस तरह अपना वर्चस्व बढ़ाया है वो हमारे लिये चिंता का विषय है I
हाल ही में अफगानिस्तान में हुये सत्ता परिवर्तन और वहां के वर्तमान राजनीति में पाकिस्तान की बढ़ती दखलंदाजी और चीन का पाकिस्तान को मिलता पूरा समर्थन भी हमारे लिये चुनौती है I
इन परिस्थितियों में मोदी जी की अमेरिका यात्रा और क्वाड देशों के शिखर सम्मेलन की प्रासंगिकता और अधिक बढ़ जाती है I
क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन को लेकर चीन की बेचैनी इस बात से भी समझी जा सकती है कि बैठक शुरू होने से करीब आधे घंटे पहले ही उसने बयान जारी कहा कि दुनिया के देशों को किसी तरह का एक्सक्लूसिव ब्लॉक नहीं बनाना चाहिए और न ही किसी तीसरे पक्ष के हितों पर निशाना साधना या उसे नुकसान पहुंचाना चाहिए। इससे पहले भी एक बयान में चीनी विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई थी कि चारों देश कुछ ऐसा नहीं करेंगे, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए 'प्रतिकूल' हों। ऐसे में सहज सवाल उठता है कि जिस क्वाड को लेकर चीन इतना चिंतत है, आखिर वह क्या है?
क्या है क्वाड?
क्वाड चार देशों का एक समूह है, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ये चारों देश दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियां हैं। इनके रक्षात्मक हितों में कभी कभी आपसी टकराव भी देखने को मिलता है, पर एक बात चारों देशों की सहमति है, जो है चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व ने कई देशों के लिए चिंताएं पैदा की हैं। ऐसे में क्वाड देशों के बीच आपसी सहयोग को खासा अहम माना जा रहा है।
क्वाड का उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों के हितों की रक्षा करना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है।
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने क्वाड (QUAD) समूह के प्रतिनिधियों के पहले शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस बैठक को अमेरिका द्वारा एक वर्चुअल मंच पर आयोजित किया गया।
इससे पहले फरवरी 2021 में क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत-प्रशांत क्षेत्र और म्याँमार में सैन्य अधिग्रहण के मुद्दों पर चर्चा हुई।
24/09/2021 को व्हाइट हाउस में आयोजित क्वाड के शिखर सम्मेलन में जिन बिंदुओं पर विशेष चर्चा हुई वो इस प्रकार हैं:-
प्रमुख बिंदु:
क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप:
कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिये टीकों तक "न्यायसंगत" पहुँच सुनिश्चित करने हेतु सहमती अपने वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और तार्किक शक्तियों को एकत्रित करने की योजना पर सहमती।
जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भारत द्वारा शुरू की गई वैक्सीन मैत्री पहल को वित्तीय सहायता प्रदान करना I
भारत की ‘वैक्सीन मैत्री पहल’ का सभी सदस्य देशों द्वारा सराहना I
चीन से संबंधित चर्चा:
वर्तमान में चीन की विस्तारवादी नीतियों के कारण भारत - प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ती दखलंदाजी पर अंकुश लगाने पर जोर I
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर क्वाड नेताओं ने चीन की आक्रमक नीतियों पर चर्चा I
हॉन्गकॉन्ग, शिनज़ियांग, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया पर चीन द्वारा बनाए गए दवाब व अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा।
संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिष्ठानों (Microsoft Exchange और Solar Winds) पर चीनी साइबर हमले के बारे में और भारत, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया में साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं पर भी चर्चा की गई।भारत का पक्ष:
भारत सदैव से ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की विचारधारा का समर्थक रहा है और वह इस दुनिया को एक परिवार मानता है।
क्वाड अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के चलते एकजुट है और भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।
अमेरिका का पक्ष:
भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिये QUAD एक महत्त्वपूर्ण मंच I
समुद्री सुरक्षा, मानवीय और आपदा प्रतिक्रिया क्वाड एजेंडे के प्रमुख मुद्दे I
क्वाड एक सैन्य गठबंधन या NATO जैसी संस्था नहीं है, यह अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, जलवायु और सुरक्षा पर सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है I
ऑस्ट्रेलिया का पक्ष:
क्वाड समूह के माध्यम से समान विचारधारा वाले लोकतांत्रिक देशों को एक नए स्थायी और शक्तिशाली क्षेत्रीय समूह का मंच मिल सकता है।
जापान का पक्ष:
सदस्य देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक के कारण क्वाड को नई गतिशीलता मिली है।
जापान एक स्वतंत्र और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिये प्रतिबद्ध।
चीन की आशंका:
चीन ने कहा है कि देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग तीसरे पक्ष को लक्षित करने के बजाय आपसी समझ से करना चाहिये और किसी विशेष गुट का पीछा करने से बचना चाहिये।
संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के शीर्ष राजनयिकों के बीच मार्च 2021 के अंत में अलास्का में बैठक होने वाली है।
QUAD को खुलेपन, समावेशिता और जीत के परिणामों के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिये और ऐसे कार्यों को करना चाहिये जो क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के अनुकूल हों।मोदी जी की अमेरिका यात्रा का महत्व:-
क्वाड शिखर सम्मेलन में जिस तरह मोदी जी ने भारत का पक्ष रखते हुए कोरोना महामारी, भारत चीन सीमा संबधित मसले, भारत- प्रशांत क्षेत्र में चीन का अतिक्रमण आदि मुद्दों पर चीन को जिस तरह घेरा और अमेरिका, जापान औऱ ऑस्ट्रेलिया ने जिस तरह भारत का साथ दिया वो भारत और मोदी सरकार की नीतियों की बड़ी जीत है I
UNGA के संबोधन में भी मोदी जी कश्मीर सहित वैश्विक आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाते हुए पाकिस्तान और चीन को घेरने का प्रयास करेंगे और पूरी उम्मीद है कि ज्यादातर देश भारत का साथ देंगे I