इस वर्ष कोयला क्षेत्रों में भारी बारिश के बावजूद, सीआईएल ने बिजली घरों को 255 मिलियन टन से अधिक कोयले की आपूर्ति की है जो सीआईएल द्वारा किसी भी वित्त वर्ष की प्रथम छ्माही में किया गया सर्वाधिक कोयला प्रेषण है । हाल ही में सीआईएल, बिजली क्षेत्र को प्रति दिन 14 लाख टन कोयला दे रही थी जिसे बढाकर 15 लाख टन कर दिया गया है और अक्टूबर 2021 के अंत तक 16 लाख टन प्रति दिन तक बढाने की संभावना है।
भारी मानसून, कोयला आयात में कमी और देश में आर्थिक सुधार के कारण बिजली की मांग में भारी वृद्धि हुई है, जिसके बावजूद घरेलू कोयले की आपूर्ति से बिजली घरों ने भरपूर बिजली उत्पादन किया है । चालू वित्त वर्ष में कोल इंडिया का प्रेषण रिकॉर्ड स्तर पर रहने की उम्मीद है।
कोयले की उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण, आयातित कोयले पर आधारित बिजली संयंत्रों ने पीपीए (पावर परचेस एग्रीमंट) से निर्धारित लगभग 30% कम बिजली की आपूर्ति की है । जबकि घरेलू कोयला आधारित बिजली घरों ने इस वर्ष की पहली छमाही में लगभग 24% ज्यादा आपूर्ति की है। आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों ने निर्धारित 45.7 बीयू के मुकाबले लगभग 25.6 बीयू ही बिजली का उत्पादन किया है।कोल इंडिया, एल्युमिनियम, सीमेंट, स्टील आदि जैसे गैर-विद्युत उद्योगों की मांग को भी पूरा करने के लिए प्रतिदिन 2.5 लाख टन (लगभग) से अधिक की आपूर्ति कर रही है । एनसीएल ने भी चालू वित्त वर्ष की प्रथम छमाही में विगत वर्ष तुलना में लगभग 15 प्रतिशत से आधिक कोयले का प्रेषण किया है । गौरतलब है कि एनसीएल अपने कोयला का आधिकतर हिस्सा बिजली घरों को देता है ।