जिसमें पुलिस की भूमिका शक के दायरे में रही है। बीते कुछ वक्त पहले आगरा में अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी।
अब कासगंज में पुलिस की हिरासत में एक और युवक की मौत का मामला सामने आया है। इस युवक का नाम अल्ताफ बताया जाता है।
दरअसल लड़की भगाने के मामले में कासगंज पुलिस ने अल्ताफ को 8 नवंबर को हिरासत में लिया था और 9 नवंबर को अल्ताफ की सदर कोतवाली में ही मौत हो गई।
अब तक इस मामले में इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।इस मामले में कासगंज के एसपी ने यह कहा है कि यूपी को बहला-फुसलाकर भगाने के मामले में नामजद अल्ताफ को गिरफ्तार किया गया था।
थाने में अल्ताफ ने शौचालय में अपनी जैकेट की हुड की डोरी से टंकी के पाइप पर लटका कर फांसी लगा ली। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस मामले में रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “5.6 फीट का अल्ताफ, नाड़े से बाथरूम की 2 फीट ऊंची टौंटी से लटक गया और मर गया, सिंपल।यूपी में रोज ऐसी कितनी घटिया स्क्रिप्ट लिखी जाती हैं। गत माह आगरा में अरुण बाल्मिकी की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी, तो यही स्क्रिप्ट। कोई पद्मश्री बची है,क्या?
उनका कहना है कि जब सोमवार की शाम पुलिस अल्ताफ को उनके घर लेने के लिए आई। तो उन्होंने इसी वजह से अल्ताफ को पुलिसकर्मियों के साथ भेज दिया। क्योंकि उन्हें यकीन था कि उनका बेटा निर्दोष है।