किसान के धान की खरीद की कोई व्यवस्था नहीं है। घोषित 1940 रूपये प्रति कुंतल की दर पर किसान के धान की खरीद नहीं हो रही है। एक तो तमाम जगहों पर क्रयकेन्द्र खुले ही नहीं है और जहां खुले हैं वहां बिचैलियों, अफसरों के गठजोड़ के चलते किसान को अपनी फसल बेचने का मौका ही नहीं मिलता है। किसी न किसी बहाने उसे टरका दिया जाता है। बिचौलिए औने-पौने दाम फसल खरीद रहे हैं।
इन दिनों जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक स्तर पर चिंता जताई जा रही है। इससे सबसे ज्यादा किसान ही प्रभावित होता है। खेती-किसानी पर मौसम का सीधा असर पड़ता है।
भाजपा सरकार का कार्यकाल समाप्ति की ओर है। साढ़े चार साल बीत गए जनहित का कोई काम नहीं किया गया। भाजपा सरकार ने एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया। समाजवादी सरकार के कार्यों को ही अपना बताकर भाजपाई जष्न मना रहे हैं। किसानों के घरों में अंधेरा है। एक वर्ष से वे आंदोलित है। उन्हें न्याय नहीं मिला है। उनके घरों में दीप पर्व पर भी अंधेरा है।
सभी मानते हैं कि भाजपा का विकल्प समाजवादी पार्टी है। जनता की आशा भी समाजवादी पार्टी से है। समाजवादी पार्टी को जनआकांक्षाओं पर खरा उतरना है। अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं का आव्हान किया है कि वे बूथ स्तर पर मतदाताओं से सम्पर्क करें। जनता को भाजपा की सच्चाई बताएं और समाजवादी पार्टी सरकार के विकास कार्यों से अवगत करायें। नौजवान और किसान 2022 में मिलकर भाजपा सरकार को सबक सिखाएंगे।