आरपीएन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा है. झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. आरपीएन सिंह ने मंगलवार को अपना इस्तीफा पत्र सोनिया गांधी को भेज दिया है. वह आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
सूत्रों के हवाले से आज दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो सकते है. बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले इस बात की अटकलें लगायी जा रही थी. आरपीएन सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘आज जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद’
बीजेपी के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव
सूत्रों के मुताबिक, आरपीएन सिंह बीजेपी के टिकट पर पडरौना सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं. आरपीएन सिंह 1996 से 2009 के बीच उत्तर प्रदेश के पडरौना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरपीएन को बीजेपी में शामिल होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना से मैदान में उतारा जा सकता है. आरपीएन सिंह करीब 4 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं और 3 बार विधायक और 1 बार सांसद रह चुके हैं.
कुशीनगर से सांसद रहे आरपीएन सिंह
आरपीएन सिंह कुशीनगर के शाही सैंथवार परिवार से ताल्लुख रखते हैं. वह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री भी रहे चुके हैं. कांग्रेस ने उन्हें कई राज्यों का प्रभारी बनाया था. उनके पिता सीपीएन सिंह कांग्रेस के वफादार नेता थे. वह कुशीनगर से सांसद भी रहे थे. वह 1980 में इंदिरा सरकार में रक्षा राज्यमंत्री बनाया गया था. बताया जा रहा है कि आरपीएन सिंह तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात कर चुके हैं.
आरपीएन सिंह 1996 में पहली बार बने विधायक
आरपीएन सिंह पडरौना से 1996 में पहली बार विधायक चुने गए. इसके बाद 2009 तक वह विधायक रहे. इसके बाद वह कुशीनगर से लोकसभा सांसद बने. आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. उन्हें पडरौना का राजा साहेब भी कहा जाता है. उन्हें इसी नाम से जाना जाता है. यूपीए-2 की सरकार में भूतल परिवहन व सड़क राज्यमार्ग राज्यमंत्री, पेट्रोलियम राज्य मंत्री व गृह राज्य मंत्री रहे. 2014 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह को भाजपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय ने 85540 हजार मतों से पराजित किया था.