नई न्याय संहिता में लापरवाही से मौत के मामले में डॉक्टरों को दो साल की सज़ा का प्रावधान

 


आईपीसी की धारा 304ए के तहत लापरवाही से मौत की सज़ा दो साल क़ैद और जुर्माना या दोनों है. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक इस सज़ा को बढ़ाकर पांच साल कर देता है, हालांकि अन्य अपराधियों की तुलना में डॉक्टरों को अधिकतम दो साल की क़ैद का प्रावधान किया गया है.नई दिल्ली: बुधवार को लोकसभा द्वारा पारित भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता (बीएनएस), 2023 में चिकित्सकीय लापरवाही से मौत का आरोप साबित होने पर डॉक्टरों के लिए अन्य अपराधियों की तुलना में दो साल की कम जेल की सजा का प्रावधान दिया गया है.वर्तमान में आईपीसी की धारा 304ए के तहत लापरवाही से मौत की सजा दो साल की कैद और जुर्माना या दोनों है. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, जो आईपीसी की जगह लेगा, ऐसे कृत्यों के लिए सजा को बढ़ाकर पांच साल कर देता है, लेकिन निर्दिष्ट करता है कि दोषी पाए जाने पर डॉक्टरों को अभी भी अधिकतम दो साल की जेल की सजा मिलेगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में जो कहा, उसके विपरीत संशोधित भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023 (बीएनएसएस) लापरवाही के कारण मौत के मामलों में डॉक्टरों को पूर्ण छूट प्रदान नहीं करता है, इसमें ऐसे मामलों में अधिकतम दो साल की कैद का प्रावधान है, जो अन्य मामलों की सजा से थोड़ा कम है.

संहिता की संशोधित धारा 106 (1) कहती है, ‘जो कोई भी बिना सोचे-समझे या लापरवाही से कोई ऐसा कार्य करके किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा; और यदि ऐसा कृत्य चिकित्सा प्रक्रिया करते समय किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा किया जाता है, तो उसे दो साल तक की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.’इसमें आगे बताया गया है कि इस उप-धारा के प्रयोजनों के लिए ‘पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशन’ का अर्थ एक मेडिकल प्रैक्टिशनर है जिसके पास राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत मान्यता प्राप्त कोई भी मेडिकल योग्यता है और जिसका नाम उस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर या राज्य चिकित्सा रजिस्टर में दर्ज किया गया है.

मेडिकल प्रैक्टिशनर पर खंड को शामिल करने के लिए अनुभाग में संशोधन किया गया है.

बुधवार को लोकसभा में तीन आपराधिक कानूनों पर बहस का जवाब देते हुए शाह ने कहा था कि ‘अगर डॉक्टरों की चिकित्सकीय लापरवाही के कारण किसी की मौत हो जाती है तो इसे गैर इरादतन हत्या माना जाएगा. मैं आज एक संशोधन ला रहा हूं. डॉक्टरों को (इस धारा के तहत) सज़ा से छूट दी गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हमसे (छूट के लिए) अनुरोध किया था.’

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
उपहार और त्योहार के पावन पर्व पर वैभव सुजुकी ग्राहकों के लिए पूर्ण निष्ठा से समर्पित है
चित्र
World Food Day 2024: कब भूखमरी एवं भूखें लोगों की दुनिया से निजात मिलेगी?
चित्र
योगी सरकार का बड़ा कदम, एआई सीसीटीवी से अभेद्य होगी महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र